राजधानी और शताब्दी ट्रेनों की गिनती रेलवे की सबसे प्रीमियम ट्रेनों में होती है. ये ट्रेनें जब भी पटरी पर दौड़ती है तो दूसरी ट्रेनों को इसके लिए रास्ता छोड़ना पड़ता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि एक ऐसी भी ट्रेन है, जब ये पटरी पर चलती है तो सभी ट्रेनों को इसके लिए रास्ता खाली करना पड़ता है. इस ट्रेन का नाम एक्सीडेंट रिलीफ मेडिकल इक्विपमेंट. जैसे इसका नाम है कि इस ट्रेन में पैसेंजर सफर नहीं करते हैं.   

इस ट्रेन के लिए छोड़ा जाता है रास्ता

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एक्सीडेंट रिलीफ मेडिकल इक्विपमेंट ट्रेन (ARME), रेल हादसे के दौरान घायलों को सहायता पहुंचाई जाती है. इस ट्रेन में मेडिकल उपकरण और दवाइयां रखी जाती है. कई रेल हादसों में इस ट्रेन के जरिए यात्रियों का जान बचाई गई है. कुछ  ट्रेनों का नाम एक्सीडेंट रिलीफ मेडिकल वैन (एआरएमवी) रखा गया है. इनमें डॉक्टर्स विषम हादसे में घायलों को मेडिकल एड दे सकते हैं. इसके अलावा यदि किसी जगह पर सूखा पड़ा है तो भी ये ट्रेन उन इलाकों पर भी राहत सामग्री पहुंचाती है.   

राष्ट्रपति या VVIP ट्रेन के लिए भी रोकी जाती ट्रेन

देश के राष्ट्रपति और VVIP ट्रेन को भी अधिक वरियता दी जाती है. ये ट्रेन जब ट्रैक पर चलती है तो इसके लिए रास्ता खाली किया जाता है. सुपरफास्ट  एक्सप्रेस जैसे शताब्दी, राजधानी, दुरंतो एक्सप्रेस, तेजस एक्सप्रेस, गरीब रथ एक्सप्रेस, डबल डेकर, जन शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों को पहली प्राथमिकता दी जाती है. वहीं, लंबी दूरी वाली ट्रेन यानी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के स्टॉप की संख्या को सुपरफास्ट ट्रेनों के बाद प्राथमकिता दी जाती है.

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गौरतलब है कि भारतीय रेल प्रतिदिन हजारों ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है. हर रोज औसतन 10 हजार से अधिक गाड़ियों ट्रैक पर दौड़ती है. ऐसे में रेलवे के लिए काफी जरूरी है कि वह कुछ ट्रेनों को हाई प्रायोरिटी पर चलाए. वंदे भारत, सुपरफास्ट, मेल और पैसेंजर ट्रेनों के अलावा कई राज्यों में लोकल और सबअर्बन ट्रेन भी चल रही है.