2000 rupee note: नोटबंदी के बाद जारी किया गया 2000 रुपए का नोट मार्केट से गायब है. आखिरी बार कब देखा था याद नहीं. एटीएम से तो भूले-भटके भी नहीं निकल रहा. सवाल ये है कि आखिर नोट गायब कहां हुआ? क्यों ATM से भी 2000 रुपए (2000 rupee note) का नोट नहीं निकल रहा. लेकिन, अब इस राज से पर्दा उठ गया है. सबसे बड़ा राज खुलकर सामने आ गया है. कुछ ही दिन पहले ही आरबीआई की एनुअल रिपोर्ट का हवाला देखकर इसका खुलासा हुआ. वहीं, खुद वित्त मंत्री ने भी इस राज से पर्दा उठाया है.

क्या है सबसे बड़े राज की सच्चाई?

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दरअसल, पिछले 3-3.5 साल में 2,000 रुपए का एक भी नोट छापा ही नहीं गया. इस वजह से ये सर्कुलेशन से धीरे-धीरे कम हो रहा है. हालांकि, ये पूरी तरह से वैध करेंसी है. लेकिन, सर्कुलेशन में इन दिनों नोट न के बराबार ही है. नवंबर के महीने में न्यूज एजेंसी IANS ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत इसका जवाब मांगा था. इसमें इस बात की जानकारी दी गई कि नोट की छपाई तीन साल से हुई ही नहीं है. वहीं, संसद के बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्री ने लिखित जवाब दिया और बताया कि नोट के नहीं मिलने की वजह क्या है.

कितने नोट बचे और कब बंद हुई छपाई

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2017 के अंत तक और मार्च 2022 के अंत तक ₹500 और ₹2000 मूल्यवर्ग के बैंक नोटों का कुल मूल्य ₹9.512 लाख करोड़ और ₹27.057 लाख करोड़ था. वित्त मंत्री ने ये भी बताया कि आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019-20 के बाद से 2000 रुपए के नोट की छपाई नहीं हुई है.

2016 से कितने 2000 रुपए के नोट छापे गए

वहीं, आरटीआई के जवाब में भी इस बात का जिक्र किया गया कि साल 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के दौरान 2,000 रुपए का कोई नया नोट (two thousand rupees note) नहीं छापा गया. आरबीआई नोट मुद्रण (पी) लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2016-17 में 2,000 रुपए के 3,5429.91 करोड़ नोट छापे थे. इसके बाद 2017-18 में काफी कम 1115.07 करोड़ नोट (2000 rupee note) छापे गए और 2018-19 में इसे और कम कर मात्र 466.90 करोड़ नोट छापे गए. 

असली गायब हुए, बढ़ते गए नकली नोट

NCRB के आंकड़ों के मुताबिक, देश में असली नोट सर्कुलेशन में कम होते गए. वहीं, नकली नोटों की खेप बढ़ती गई. साल 2016 से 2020 के बीच 2,000 रुपए के नकली नोटों की संख्या 2,272 से बढ़कर 2,44,834 पहुंच गई. साल 2016 में जहां देश में 2,000 रुपए के नकली नोट की संख्या 2,272 थी. वहीं, 2017 में यह बढ़कर 74,898 हुई. हालांकि, 2018 में इनकी संख्या घटकर 54,776 रह गई. लेकिन, साल 2019 में यह आंकड़ा और तेजी से बढ़कर 90,566 पर पहुंचा और फिर साल 2020 में कुल 2,44,834 नकली नोट पकड़े गए.

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