आज के दौर में  लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां बढ़ती जा रहीं हैं, इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती होने और हेल्थ केयर का खर्च भी आसमान छू रहा है. ऐसे में मेडिक्लेम पॉलिसी (Mediclaim Policy) खरीदकर आप मेडिकल इमरजेंसी की कंडीशन में हॅास्पिटल में एडमिट होने के दौरान फाइनेंशियल हेल्प ले सकते हैं. मेडिक्लेम एक तरह का हेल्थ इंश्योरेंस है जो किसी भी मेडिकल इमरजेंसी में सम इंश्योर्ड तक आपके मेडिकल एक्सपेंस को कवर करता है. एक मेडिक्लिम पॉलिसी पॅालिसीहोल्डर के नेटवर्क हॅास्पिटल में उसको कैशलेस ट्रीटमेंट की फैसेलिटी भी देती है. ये पॅालिसी इंडिविजुअल और फ्लोटर सम इंश्योर्ड दोनों रुप में मिलती है. मेडिक्लेम पॉलिसी आपकी सेविंग को खत्म किए बिना हेल्थ केयर सर्विस का फायदा देती हैं. मेडिक्लेम पॉलिसी किसी बीमारी या एक्सिडेंटल इंजुरी के कारण हॅास्पिटल में एडमिट होने के खर्चों को कवर करती है. इसमें ओटी एक्सपेंस, डॉक्टर की फीस, नर्सिंग फीस, मेडिकल कॅास्ट आदि कवर होते हैं. मेडिक्लेम पॉलिसी आपके चुनी गई पॉलिसी के बेसिस पर पॉलिसीहोल्डर को लाइफटाइम रिन्यूबिलिटी का ऑप्शन भी देती है. इसके साथ ही सेक्शन 80डी के तहत हर साल चुकाए जाने वाले पॉलिसी प्रीमियम पर टैक्स बैनिफिट भी लिया जा सकता है.

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मेडिक्लेम पॅालिसी कितनी तरह की होती है

इंडिविजुअल मेडिक्लेम पॉलिसी

एक इंडिविजुअल मेडिक्लेम पॉलिसी केवल पॉलिसीहोल्डर को हेल्थ बीमा कवरेज देती है. इस तरह की पॉलिसी के तहत पेमेंट किए गए प्रीमियम के लिए केवल एक इंसान ही हेल्थ इंश्योरेंस का फायदा ले सकता है. कई हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी भारत में इंडिविजुअल मेडिक्लेम प्लान ऑफर करती हैं.

फैमिली फ्लोटर मेडिक्लेम पॉलिसी

फैमिली फ्लोटर मेडिक्लेम पॉलिसी पॉलिसीहोल्डर के साथ-साथ उसके फैमिली मेबंर जैसे कि माता-पिता, पति या पत्नी और बच्चों को भी कवरेज देती है. इस तरह की पॉलिसी के तहत, फ्लोटर बेसिस पर फैमिली के सभी मेंबर को एक ही सम इंश्योर्ड मिलता है.

सीनियर सिटीजन मेडिक्लेम पॉलिसी

सीनियर सिटीजन मेडिक्लेम पॉलिसी 60 साल की उम्र पार कर चुके बुजुर्ग लोगों के अस्पताल में भर्ती होने के खर्चों को कवर करने के लिए डिजाइन की गई है. सीनियर सिटीजन हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी सीनियर सिटीजन की हेल्थ जरुरतों को कवर करने के लिए बनाई गई है.

कैसे करें क्लेम

Mediclaim Policy के तहत आप दो तरह के क्लेम कर सकते हैं. पहला है कैशलेस क्लेम और दूसरा है रिइमबर्समेंट क्लेम.

कैशलेस क्लेम

कैशलेस क्लेम हॅास्पिटल में कैशलेस बेसिस पर किया जाता है. क्योंकि पॅालिसीहोल्डर बिल का अमाउंट सीधे अस्पताल के साथ तय करता है. पॅालिसीहोल्डर को इलाज के लिए अस्पताल को एक पैसा नहीं देना पड़ता है. कैशलेस क्लेम करने के लिए अपना ट्रीटमेंट अपनी बीमा कंपनी के एक लिस्टेड हॅास्पिटल में कराएं. हॅास्पिटल में इंश्योरेंस डेस्क से प्री-ऑथॅाराइजेशन फॉर्म लें. फॉर्म को सही जानकारी भरकर अस्पताल से स्टाम्प लगवाएं. हॅास्पिटल इसे थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर (TPA) या इंश्योरर को अप्रूवल के लिए भेजेगा. फॉर्म की जांच करने के बाद, कंपनी ट्रीटमेंट को मंजूरी देगी और हॅास्पिटल को उनके कवर की गई अमाउंट बताते हुए फैक्स से भेज देगी. अपना ट्रीटमेंट कराने के बाद जब आप डिस्चार्ज हों तो सारे डॅाक्यूमेंट साइन कराएं. इसके बाद आपका इंश्योरर हॅास्पिटल के बिल के अमाउंट का पेमेंट कर देगा.

रीइम्बर्समेंट क्लेम

रीइम्बर्समेंट क्लेम के मामले में, अपनी बीमा कंपनी को इंफॅार्म करना जरुरी है. जिससे कि उन्हें पता लग सके कि मरीज अस्पताल में भर्ती हो गया है या जल्द ही होने की संभावना है. आप एक ईमेल भेजकर या अपने इंश्योरेंस प्रोवाइडर की कस्टमर सर्विस को कॉल करके ऐसा कर सकते हैं. ट्रीटमेंट कंप्लीट हो जाने के बाद हॅासिपिटल से सभी मेडिकल डॅाक्यूमेंट को कलेक्ट करें. रिइमबर्समेंट लेने के लिए, आपको अपने इंश्योरर के पास ओरिजनल डिस्चार्ज कार्ड और क्लेम फॉर्म के साथ सभी हॅास्पिटल बिल और मेडिसिन बिल सहित पेमेंट की रसीदें जमा करानी होंगी. इंश्योरेंस कंपनी आपके क्लेम को रिव्यू करेगी. क्लेम अप्रूव होने के बाद रिइमबर्समेंट अमाउंट का पेमेंट हो जाएगा.

इन डॅाक्यूमेंट की है जरुरत

इसके लिए सही से फिल किया हुआ एप्लीकेशन फॅार्म, एज प्रूफ जैसे आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आइडी कार्ड, आदि. आईडी प्रूफ के लिए आप पासपोर्ट, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि लगा सकते हैं. वहीं एड्रेस प्रूफ के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, आधार कार्ड आदि मान्य हैं. इसके साथ पासपोर्ट फोटो और प्री-पॉलिसी मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट की जरुरत पड़ेगी.

 

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