ज्यादातर जब भी हम बीमा पॉलिसी लेते हैं तो फिजिकल कवर का ही ध्यान देते हैं. जब हेल्थ की भी बात की जाती है तो ज्यादातर फिजिकल हेल्थ की ही बात आती है. लेकिन शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही जरूरी है. मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करने की कई कोशिशें की जाती हैं ताकि लोग इस बारे में खुल कर बात कर सकें. हाल ही में IRDAI ने निजी बीमा कंपनियों को एक बार ये निर्देश दिया कि उन्हें मेंटल बीमा कवर देना होगा. आपको बता दें कि इस सब्जेक्ट पर 5 साल पहले भी कानून बनाया जा चुका है. लेकिन बीमा कंपनियों ने अब तक इस कानून का पालन शुरू नहीं किया है.

महंगे खर्च होंगे कवर

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मानसिक रोगों का इलाज लंबा चलता है, इसलिए ज्यादातर ऐसे इलाज महंगे होते हैं. मेडिकल खर्च भी लगातार महंगे होते जा रहे हैं. ऐसे में इंश्योरेंस कवर में मानसिक स्वास्थ्य कवर होने पर एक बड़ा खर्चा कवर किया जा सकेगा. इमरजेंसी की कंडीशन में ये पॉलिसी एक बेहतर फाइनेंशियल असिस्टेंस प्रोवाइड करेगी.

हेल्थ चेकअप की फैसिलिटी 

कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में बीमाधारक को बीमारी का टेस्ट कारवाने जैसी सुविधा भी मिलती है. इससे आप किसी भी बीमारी का चेकअप शुरुआत में ही करवा सकते हैं ताकि वो बीमारी आगे जाके बड़ा रूप न ले. ऐसे में आप बड़े खतरे और बड़ी बीमारी दोनों से बच सकते हैं.

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फिजिकल हेल्थ कवर 

कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में आपके शरीर का भी ध्यान रखा जाता है. इसमें बीमाधारक को उसके हेल्थ की जानकारी भी दी जाती है. बीमारी का पता लगाने के लिए भी कई सुविधाएं दी जाती हैं. इसमें लाइफ स्टाइल डिसीज मॉनिटरिंग और फिटनेस ट्रैकिंग जैसे बेनिफिट्स शामिल होते हैं.