घर अभी खरीदें या नहीं? होम लोन के लिए '5x20/30/50' का फॉर्मूला है बेस्ट, समझ लें कैलकुलेशन
बजटिंग में 50/30/20 के रूल को काफी अहमियत दी जाती है. घर खरीदने के लिए भी आप ऐसे ही एक फॉर्मूले की मदद ले सकते हैं, ये है- फाइव 20/30/50 का फॉर्मूला.
किसी के लिए भी अपना एक आशियाना खरीदना बड़ा सपना होता है, आपके फाइनेंशियल प्रोफाइल की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक चीज है अपना घर खरीदने के काबिल हो पाना. अगर आप जॉब करते हैं तो क्या आपने कभी ये कैलकुलेट किया है कि एक घर खरीदने के लिए आपको कितनी सेविंग्स की जरूरत पड़ेगी, इसका जवाब तो हम दोनों को पता है- बहुत ज्यादा, लेकिन एक सेट फ्रेमवर्क और नंबर्स हमारे सामने रहते हैं तो इससे प्लानिंग आसान हो जाती है. तो फिर बताइए क्या आप भी अपना घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं? अगर हां तो इस कैलकुलेशन के जरिए आप यह फैसला कर सकते हैं कि आपको अभी घर खरीदना चाहिए या नहीं.
फाइव 20/30/50 के फॉर्मूले से करें कैलकुलेशन
बजटिंग में 50/30/20 के रूल को काफी अहमियत दी जाती है. यह आपके इनकम, आपके खर्चों और आपकी सेविंग्स के बीच बैलेंस बनाए रखने में आपकी बहुत मदद कर सकता है. घर खरीदने के लिए भी आप ऐसे ही एक फॉर्मूले की मदद ले सकते हैं, ये है- फाइव 20/30/50 का फॉर्मूला
कैसे काम करता है फाइव 20/30/50 का फॉर्मूला
1. फाइव का मतलब है कि जो घर आप खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं, उसकी कीमत आपकी एनुअल सैलरी के पांच गुना से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
2. 20 का मतलब है कि आप घर खरीदने के लिए जो लोन ले रहे हैं, उसका लोन टेन्योर 20 साल से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
3. 30 का मतलब है कि आप होम लोन पर जो EMI भर रहे हैं, वो आपकी मंथली सैलरी के 30% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
4. 50 से मतलब इससे है कि आपका जो टोटल EMI है, यानी कि होम लोन पर ईएमआई के साथ-साथ अगर आपने और कर्ज लिए हैं, जो आप भर रहे हैं तो ये कुल मिलाकर आपकी मंथली सैलरी के 50% से ज्यादा नहीं होना चाहिए.