उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Government) ने अपने ही मंत्रियों के खिलाफ एक बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी खजाने से चुकाए जाने वाले मंत्रियों के आयकर पर रोक लगा दी है. अब प्रदेश में मुख्यमंत्री समेत तमाम मंत्री अपना इनकम टैक्स खुद ही भरेंगे. पिछले 25 सालों से यह व्यवस्था थी कि मंत्रियों का इनकम टैक्स सरकारी खजाने से जमा किया जाता रहा है. इस साल प्रदेश सरकार ने 86 लाख रुपये इनकम टैक्स के तौर पर जमा किया है.

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मंगलवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 20 अहम फैसले लिए गए. इनमें एक फैसला मंत्रियों के इनकम टैक्स (Income Tax) को लेकर था. 

उत्तर प्रदेश में अभी तक यह व्यवस्था है कि मुख्यमंत्री समेत तमाम मंत्रियों का इनकम टैक्स (Ministers Income Tax) सरकारी खजाने से जमा किया जाता है. साल 1981 से यह सिस्टम शुरू हुआ था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सिस्टम को खत्म कर दिया है. उन्होंने कहा कि अब आगे से तमाम मंत्री अपना इनकम टैक्स खुद ही जमा करेंगे. उन्होंने बताया कि इस साल सरकारी खजाने से 86 लाख रुपये इनकम टैक्स के तौर पर अदा किए गए हैं. उन्होंने कहा कि 25 सालों से चली आ रही इस व्यवस्था को अब खत्म कर दिया गया है. इस व्यवस्था को खत्म करने के लिए नियमों में बदलाव किया गया है.

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एक अन्य फैसले में मुख्यमंत्री ने खरीफ सीजन में मक्का का समर्थन मूल्य बढ़ाने का ऐलान किया है. सरकार ने मक्का के एमएसपी में 60 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया है. 20 रुपये प्रति क्विंटल भाड़े आदि के दिए जाएंगे. सरकार के इस फैसले से मक्का का समर्थन मूल्य 1700 रुपये से बढ़कर 1760 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. इस साल 1 लाख मीट्रिक टन मक्का की सरकारी खरीद का टारगेट तय किया गया है. यह खरीद सूबे के 22 जिलों में की जाएगी और खरीद 15 अक्टूबर से शुरू होकर 15 जनवरी, 2020 तक चलेगी.