Sahara Refund portal: सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सहारा समूह (Sahara Group) की चार सहकारी समितियों के करोड़ों जमाकर्ताओं की गाढ़ी कमाई लौटाने की प्रक्रिया शुरू की. इसके पहले चरण के तहत उन्होंने 112 छोटे निवेशकों को 10-10 हजार रुपये की पहली किस्त जारी की. अबतक 18 लाख जमाकर्ताओं ने ‘सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल’ (CRCS-Sahara Refund Portal) पर रजिस्ट्रेशन कराया है. इस पोर्टल की शुरुआत 18 जुलाई को हुई थी.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि CRCS-सहारा रिफंड पोर्टल की शुरुआत के समय कहा गया था कि पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के 45 दिन में वैध जमाकर्ताओं को धनराशि का भुगतान किया जाएगा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति और भारत सरकार की एजेंसियों ने मिलकर रिकॉर्ड समय में अति प्रशंसनीय काम करते हुए एक महीने से भी कम समय में धनराशि ट्रांसफर करने की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है, जिसके चलते 112 लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में 10-10 हजार रुपये जमा हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें- गांव में ₹50 हजार में शुरू करें ये बिजनेस, लाखों कमाएं

शाह ने कहा, मोदी सरकार देश के हर गरीब व मध्यम वर्ग के व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा व समाज के अंतिम तबके के व्‍यक्ति की तकलीफें दूर करने के लिए कटिबद्ध है. मोदी सरकार निवेशकों की गाढ़े पसीने की कमाई की पाई-पाई वापस दिलाने के लिए निरंतर प्रयासरत है. निवेशकों को उनकी जमापूंजी वापस दिलाने के लिए सभी एजेंसियों ने रिकार्ड समय में प्रशंसनीय काम किया है, जिससे लोगों को उनकी जमापूंजी वापस मिल रही है.

देश के करोड़ों निवेशकों का सहारा समूह की चार सहकारी समितियों में पिछले करीब 15 साल से फंसे करोड़ों रुपये के भुगतान के लिए प्रयास किया गया. शाह ने कहा कि CRCS-सहारा रिफन्ड पोर्टल पर अब तक लगभग 33 लाख निवेशकों द्वारा रजिस्ट्रेशन किया गया है.

ये भी पढ़ें- Subsidy News: केले की खेती से किसानों को होगी तगड़ी कमाई, सरकार दे रही बंपर सब्सिडी

बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर

आज प्रथम चरण में सहारा समूह की सहकारी समितियों के 112 जमाकर्ताओं को 10-10 हजार का भुगतान उनके आधार सीडिड बैंक खातों के माध्यम से किया गया है. प्रथम चरण के विश्लेषण के अनुभव के आधार पर लेखापरीक्षक द्वारा दावों के सत्यापन/ त्वरित जांच के लिए “SOP(Standard Operating Procedure)” न्यायमित्र की मदद से तैयार की जा रही है.

भुगतान की पूरी प्रक्रिया डिजिटल और पेपरलैस है और दावे प्रस्तुत करने के लिए बनाया गया पोर्टल यूजर फ्रेंडली, कुशल और पारदर्शी है. केवल प्रामाणिक जमाकर्ताओं की वैध राशि लौटाने को सुनिश्चित करने के लिए पोर्टल में जरूरी प्रावधान किए गए हैं.

ये भी पढ़ें- नींबू की इस किस्म की खेती से मिलेगा तगड़ा मुनाफा

SMS से मिलेगी जानकारी

पोर्टल को सहकारिता मंत्रालय की वेबसाइट के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है. इन समितियों के प्रामाणिक जमाकर्ताओं को पोर्टल पर उपलब्ध ऑनलाइन आवेदन पत्र को जरूरी दस्तावेज़ों के साथ अपलोड कर अपने दावे प्रस्तुत करने होंगे. उनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए जमाकर्ताओं का आधार कार्ड (Aadhaar Card) के जरिए वेरिफिकेशन किया जाएगा। उनके दावों और अपलोड किए गए दस्तावेजों के सत्यापन के लिए नियुक्त सोसायटी, ऑडिटर्स, और OSDs द्वारा सत्यापन के बाद उपलब्धता के अनुसार धनराशि, जमाकर्ताओं द्वारा ऑनलाइन दावे पेश करने के 45 दिनों के अंदर सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी और उन्हें SMS/पोर्टल के माध्यम से इसकी सूचना दे दी जाएगी. समितियों के प्रामाणिक जमाकर्ताओं को ये सुनिश्चित करना होगा कि उनके पास आधार-लिंक्ड मोबाइल नंबर और बैंक खाता है.

ये भी पढ़ें- PMFBY: इस बार चूके तो दोबारा नहीं मिलेगा मौका, जानिए किस राज्य में क्या हैं डेडलाइन