SIP Power: सिर्फ 15 साल के निवेश पर मिलेंगे 2 करोड़ रुपए, ऐसे करें प्लानिंग, सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट से पूरा होगा लक्ष्य
SIP Power: एक्सपर्ट का मानना है कि म्यूचुअल फंड SIP में जिनती जल्दी हो निवेश शुरू कर देना चाहिए. क्योंकि, इससे आपको लॉन्ग टर्म तक रिटर्न का बेनेफिट लेने का मौका मिलता है.
SIP Power: म्यूचुअल फंड निवेश एक ऐसा ऑप्शन है, जिससे लॉन्ग टर्म में आसानी से बड़ा फंड बना सकते हैं. म्यूचुअल फंड्स की कई ऐसी स्कीम्स हैं, जिन्होंने लंबी अवधि में 12 से 15 फीसदी का सालाना रिटर्न दिया है. म्यूचुअल फंड में निवेश एकमुश्त और सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए किया जा सकता है. अगर आप 15 साल में 2 करोड़ रुपए का फंड बनाना चाहते हैं, तो SIP कैलकुलेटर (SIP Calculator) की मदद से आसानी से जान सकते हैं कि आपको हर महीने कितना इन्वेस्ट करना होगा.
SIP Power: समझिए 2 करोड़ रुपए का कैलकुलेशन
SIP Calculator की मदद से समझते हैं कि कैसे 15 साल में 2 करोड़ रुपए का फंड बनाने के लिए कितना मंथली निवेश करना होगा.
- हर महीने 40,000 रुपए इन्वेस्ट किया जाए और इसे लगातार 15 साल तक बनाए रखें तो आराम से 2 करोड़ (2,01,83,040 रुपए) का फंड बन सकता है.
- अनुमानित सालाना रिटर्न 12 फीसदी है.
किन कंपनियों ने दिया शानदार रिटर्न
बीते 15 साल में निप्पॉन इंडिया ETF बैंक फंड ने सालाना 14.80 फीसदी, क्वॉन्टम लॉन्ग टर्म इक्विटी वैल्यू फंड ने 13.88 फीसदी का रिटर्न दिया है. (फंड्स के परफॉर्मेंस की जानकारी वैल्यू रिसर्च से ली गई है.)
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SIP Power: कितनी बढ़ी दौलत
अगर आपने 15 साल तक SIP में मंथली 40,000 रुपए का निवेश किया है तो आखिर में करीब 1.29 करोड रुपए की दौलत आपकी बढ़ी. इस पूरी अवधि में निवेश सिर्फ 72 लाख रुपए के आसपास होगा. हालांकि, यहां जरूर ध्यान रखें कि यह अनुमानित रिटर्न है, बाजार में उतार-चढ़ाव का असर म्यूचुअल फंड स्कीम की परफॉर्मेंस पर पड़ सकता है.
40 की उम्र में 2 करोड़ रुपए का फंड
एक्सपर्ट का मानना है कि म्यूचुअल फंड SIP में जिनती जल्दी हो निवेश शुरू कर देना चाहिए. क्योंकि, इससे आपको लॉन्ग टर्म तक रिटर्न का बेनेफिट लेने का मौका मिलता है. मान लीजिए आने 25 साल उम्र में मंथली 40,000 रुपए की SIP शुरू की तो 40 साल उम्र में आपके पास 2 करोड़ रुपए होंगे.
Systematic तरीके से करें निवेश
SIP निवेश का एक सिस्टमेटिक तरीका है. इसमें निवेशक को सीधे बाजार के रिस्क का सामना नहीं करना पड़ता है. वहीं, रिटर्न भी ट्रेडिशनल प्रॉडक्ट से ज्यादा मिलता है. हालांकि, इसमें भी रिस्क रहता है. इसलिए निवेशक को अपनी इनकम, टारगेट और रिस्क प्रोफाइल देखकर निवेश का फैसला करना चाहिए.