SIP मचाएगा धमाल: सिर्फ ब्याज से होगी 1 करोड़ 90 लाख 19 हजार 483 रुपए की कमाई, निवेश होगा ₹6000, देखें कैलकुलेशन
Investment Plan: SIP निवेश का एक सिस्टमेटिक तरीका (Systematic Investment Plan) है. लंबी अवधि में कई ऐसे फंड्स हैं, जिनका सालाना रिटर्न 12% रहा है. इसमें निवेशक को सीधे बाजार के रिस्क का सामना नहीं करना पड़ता है.
पैसा कमाना आसान है, लेकिन उसे बढ़ाना उतना ही मुश्किल. हम अक्सर अपने पैसे को निवेश करने के विकल्प तलाशते हैं. सरकारी स्कीम्स से लेकर इक्विटी मार्केट तक पैसों को बढ़ाने की कोशिश रहती है. लेकिन, शुद्ध रिटर्न कितना मिलता है? इन्वेस्टमेंट की प्लानिंग फेल तब होती है, जब निवेश का सही ऑप्शन न पता हो. ऐसे में करोड़पति बनने का ख्वाब तो देखा फिर भी अधूरा रह गया. ऐसे में सिर्फ म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) सही है. यहां पैसा सिर्फ बढ़ता नहीं, तेज रफ्तार से बढ़ता है और इतना बढ़ता है कि हमारे सारे कुलकेशन अधूरे रह जाते हैं. म्चूचुअल फंड का SIP ऐसा ही एक टूल है, जो लंबे समय में पैसों को 10 गुना तक बढ़ा सकता है. निवेश का फायदा ये है कि इसमें कम्पाउडिंग के जरिए मोटा ब्याज कमाया जा सकता है.
SIP Calculator: ब्याज से कैसे होगी कमाई
सबसे पहले तय कीजिए कब से निवेश शुरू करना है. मान लीजिए निवेश 20 की उम्र में शुरू किया गया. 25 साल तक निरंतर 6000 रुपए महीना का निवेश किया. यहां औसत रिटर्न 12% मिला तो 45 की उम्र में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा का फंड तैयार होगा. SIP कैलकुलेटर के मुताबिक, औसत रिटर्न 12% के हिसाब से 25 साल में कुल 1 करोड़ 13 लाख 85 हजार 811 रुपए मिलेंगे. इसमें आपका कुल निवेश 18 लाख रुपए का होगा. वहीं, ब्याज से कमाई होगी 95 लाख 85 हजार, 811 रुपए की.
2 करोड़ रुपए से ज्यादा चाहिए तो क्या?
अब अगर आप 30 साल तक निरंतर निवेश करते हैं तो कुल निवेश 21 लाख 60 हजार रुपए होगा. लेकिन, 50 की उम्र में आपके पास 2 करोड़ 11 लाख 79 हजार 483 करोड़ रुपए की राशि होगी. यहां आपको सिर्फ ब्याज से कमाई 1 करोड़ 90 लाख 19 हजार 483 रुपए होगी. ध्यान रहे अभी की गई कैलकुलेशन में महंगाई (Inflation rate) को एडजस्ट नहीं किया है.
SIP को बनाएं निवेश की आदत
SIP निवेश का एक सिस्टमेटिक तरीका (Systematic Investment Plan) है. लंबी अवधि में कई ऐसे फंड्स हैं, जिनका सालाना रिटर्न 12% रहा है. इसमें निवेशक को सीधे बाजार के रिस्क का सामना नहीं करना पड़ता है. वहीं, रिटर्न भी ट्रेडिशनल प्रोडक्ट के मुकाबले ज्यादा रहता है. ध्यान रखें कि म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन होता है. इसलिए निवेशक को इनकम, टारगेट और रिस्क प्रोफाइल देखकर ही फैसला करना चाहिए. SIP के जरिए आप निवेश की आदत, रिस्क और उस पर मिलने वाले रिटर्न का आकलन आसानी से पता कर सकते हैं.