कहा जाता है कि अगर आप पैसा निवेश कर रहे हैं तो उसे शॉर्ट टर्म और लॉन्‍ग टर्म गोल्‍स के साथ इन्‍वेस्‍ट करें. अगर आपको कभी पैसों की जरूरत पड़ती है तो उन ऑप्‍शंस को भुना सकते हैं, जिनमें शॉर्ट टर्म के लिए निवेश कर रहे हैं. इससे आपको लॉन्‍ग टर्म वाली स्‍कीम्‍स को टच नहीं करना पड़ेगा. अगर आप भी शॉर्ट टर्म निवेश के ऑप्‍शंस तलाश रहे हैं तो यहां जानिए इस बारे में.

रेकरिंग डिपॉजिट

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अगर आप हर महीने थोड़ा-‍थोड़ा पैसा निवेश करना चाहते हैं तो रेकरिंग डिपॉजिट का ऑप्‍शन चुन सकते हैं. ये स्‍कीम एक तरह की गुल्‍लक की तरह है, जिसमें हर महीने आपको एक निश्चित अमाउंट जमा करना होता है. मैच्‍योरिटी पर आपको कुल रकम ब्‍याज समेत मिलती है. आरडी में भी आप 1 साल से लेकर अलग-अलग अवधि का विकल्‍प चुन सकते हैं. सभी बैंकों में आपको आरडी की सुविधा मिल जाएगी. आप तमाम बैंकों में आरडी पर मिलने वाली ब्‍याज दर की तुलना करें और जहां भी ज्‍यादा ब्‍याज मिले वहां पैसा इन्‍वेस्‍ट करें. आरडी का ऑप्‍शन आपको पोस्‍ट ऑफिस में भी मिलता है, लेकिन वहां इसकी अवधि 5 साल की होती है.

बैंक एफडी

अगर आप रकम को एकमुश्‍त जमा करना चाहते हैं तो FD यानी Fixed Deposit का ऑप्‍शन चुन सकते हैं. निवेश के तमाम ऑप्‍शंस होने के बावजूद भी एफडी को काफी पसंदीदा विकल्‍प माना जाता है. आप किसी भी बैंक में 7 दिन से लेकर 10 साल तक की एफडी करवा सकते हैं. अलग-अलग टाइम पीरियड के हिसाब से ब्‍याज दर भी अलग-अलग होती है. वहीं पोस्‍ट ऑफिस में भी आपको 1 साल से लेकर 5 साल तक की एफडी का विकल्‍प मिलता है, आप उसे भी चुन सकते हैं. एफडी कराने से पहले बैंकों और पोस्‍ट ऑफिस की ब्‍याज दरों को कंपेयर करें, उसके बाद एक साल की एफडी करवाएं. 

डेट म्यूचुअल फंड

एक साल के लिए निवेश करना है तो आप डेट म्यूचुअल फंड का विकल्‍प भी चुन सकते हैं और 12 महीनों के लिए पैसा इसमें निवेश कर सकते हैं. आप डेट फंड में जो भी निवेश करते हैं, उसे सुरक्षित जगह पर निवेश किया जाता है. आमतौर पर डेट फंड की तय मैच्योरिटी डेट होती है. इसमें भी आपको काफी अच्‍छा रिटर्न मिल सकता है. 

SIP

आप चाहें तो शॉर्ट टर्म के लिए मार्केट में SIP भी शुरू कर सकते हैं. इसमें भी आप अपने बजट के हिसाब से हर महीने एक निश्चित रकम हर महीने जमा कर सकते हैं और जब चाहे इस SIP को बंद करवाकर अपना पैसा इस्‍तेमाल कर सकते हैं. SIP में तमाम स्‍कीम्‍स से बेहतर रिटर्न मिल सकता है. आमतौर पर एक्‍सपर्ट इसका औसतन रिटर्न 12 फीसदी का मानते हैं. लेकिन मार्केट लिंक्‍ड होने के कारण इसमें जोखिम होता है, ऐसे में रिटर्न की गारंटी नहीं ली जा सकती.

कॉर्पोरेट एफडी

कई कंपनियां अपने कारोबार के लिए मार्केट से पैसा जुटाती हैं और इसके लिए वो कंपनी एफडी जारी करती हैं. यह बिल्कुल उसी तरह से काम करती है, जैसे बैंक एफडी. इसके लिए फॉर्म कंपनी जारी करती है, जिसे ऑनलाइन भी भर सकते हैं. कॉर्पोरेट एफडी में ब्याज दर बैंक एफडी की तुलना में ज्यादा होती है. हालांकि  बैंक एफडी की तुलना में कॉर्पोरेट एफडी के मामले में जोखिम थोड़ा ज्यादा होता है. लेकिन मजबूत और ज्यादा रेटिंग वाली कंपनियों की एफडी में जोखिम कम होता है. आमतौर पर कॉरपोरेट एफडी का मेच्योरिटी पीरियड 1 से 5 साल तक होता है. आप अपनी सहूलियत के मुताबिक कोई भी अवधि चुन सकते हैं. ऐसी कंपनियां जिनकी रेटिंग ऊंची होती है, वे तमाम अवधि की कॉर्पोरेट एफडी पर 9.25% - 10.75% तक ब्याज की पेशकश करती हैं.