इस रिटायरमेंट स्कीम के बदल गए हैं 7 नियम, फायदा-नुकसान समझना है तो यहां मिलेगा जवाब
Senior Citizens Savings Scheme: पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट जैसी योजनाओं के साथ-साथ सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम के नियम भी बदले हैं. कुल ऐसे 7 बदलाव हैं, जो योजना के निवेशकों को पता होने चाहिए.
रिटायरमेंट के लिए जानी जाने वाली बचत योजना वरिष्ठ नागरिक बचत योजना या Senior Citizens Savings Scheme में बीते दिनों कुछ बदलाव किए गए हैं. सरकार ने 7 नवंबर, 2023 को एक नोटिफिकेशन जारी किया था. इसके तहत, छोटी बचत योजनाओं के नियमों में बदलाव किया गया है. पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट जैसी छोटी बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) के साथ-साथ सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम के नियम भी बदले हैं. कुल ऐसे 7 बदलाव हैं, जो योजना के निवेशकों को पता होने चाहिए.
1. योजना में अप्लाई करने की अवधि
जब आपको रिटायरमेंट के बेनेफिट्स मिल जाएंगे, उसकी रसीद मिल जाने के तीन महीने के अंदर आप इस योजना के लिए अप्लाई कर सकते हैं, पहले आपको बस 1 महीने का टाइम मिलता था.
2. सरकारी कर्मचारी के पति/पत्नी के निवेश पर
अब इस योजना में ऐसे कर्मचारियों के जीवनसाथी के निवेश पर भी नियम आसान किए गए हैं, जिनका ड्यूटी के दौरान निधन हो चुका है. नए नियमों के तहत अब दिवंगत सरकारी कर्मचारी का जीवनसाथी वित्तीय सहायता की राशि को इस योजना में निवेश कर सकता है, ये उस स्थिति में मंजूर होगा जब कर्मचारी की मृत्यु 50 साल की उम्र के बाद जॉब के दौरान हुई हो. यह लाभ हर उन केंद्र और राज्य सरकार कर्मचारियों को मिलेगा जो रिटायरमेंट बेनेफिट या डेथ कॉम्पनसेशन लेने के पात्र हैं.
3. रिटायरमेंट बेनेफिट का मतलब
इस नोटिफिकेशन में रिटायरमेंट बेनेफिट को परिभाषित किया गया है, जिसके तहत वो कोई भी भुगतान रिटायरमेंट बेनेफिट है, जोकि रिटायर्ड कर्मचारी की ओर से रिटायरमेंट या सुपरएनुएशन के बाद लिया गया है. इसमें प्रॉविडेंट फंड बकाया, रिटायरमेंट या सुपरएनुएशन या डेथ ग्रेच्युटी, पेंशन की वैल्यू, लीव एनकैशमेंट, EPS के तहत रिटायरमेंट-कम-विदड्रॉल बेनेफिट या VRS के तहत एक्स ग्राशिया पेमेंट, कुछ भी हो सकते हैं.
4. प्रीमैच्योर विदड्रॉल पर कटौती
नए नियमों के तहत, अगर अकाउंट एक साल की एक्सपायरी के पहले बंद हो जाता है तो डिपॉजिट का एक फीसदी कट जाएगा. पहले होता ये था कि अगर पहला साल एक्सपायर होने के पहले अकाउंट बंद होता था तो डिपॉजिट पर मिला इंटरेस्ट रिकवर कर लिया जाता था, और बाकी का पैसा अकाउंटहोल्डर को दे दिया जाता था.
5. अकाउंट एक्सटेंशन
अब अकाउंटहोल्डर अपने अकाउंट को तीन सालों के ब्लॉक में कितनी बार भी एक्सटेंड कर सकते हैं. पहले इसे एक बार ही एक्सटेंड करा सकते थे. आपको हर एक्सटेंशन के लिए आवेदन करना होगा. और एक्सटेंशन का ऐप्लीकेशन कभी भी मिले, एक्सटेंशन मैच्योरिटी की डेट या फिर तीन सालों के ब्लॉक के आखिर से ही माना जाएगा. आप इन दोनों मामलों में एक साल के भीतर अकाउंट बढ़वाने के लिए आवेदन डाल सकते हैं.
6. एक्सटेंशन के बाद इंटरेस्ट रेट
पांच सालों पर मैच्योरिटी के बाद अकाउंट एक्सटेंड कराने पर डिपॉजिट पर इंटरेस्ट मैच्योरिटी डेट वाला रेट या एक्सटेंडेड मैच्योरिटी वाला रेट ही रहेगा. पहले एक बार ही एक्सटेंशन होता था तो मैच्योरिटी वाले रेट को लागू किया जाता था.
7. मैक्सिमम डिपॉजिट अमाउंट
इस स्कीम में जितने डिपॉजिट को डालने की अनुमति है, उससे ज्यादा डिपॉजिट नहीं कर सकते. पहले एक्सटेंशन बस एक ही बार करा सकते थे, तो एक्सटेंशन के बाद के निवेश अमाउंट पर शर्तें साफ नहीं थीं. अब कहा गया है कि खाता खोलने के समय की गई जमा राशि का भुगतान पांच साल की मैच्योरिटी या उसके बाद या तीन साल की हर ब्लॉक पीरियड के खत्म होने पर किया जाएगा जहां खाता खोलने की तारीख से पैराग्राफ 8 के तहत खाता बढ़ाया गया था. बशर्ते कि मौजूदा खाते या खातों के बंद होने के बाद, डिपॉजिर अपनी जरूरत के साथ मैक्सिमम डिपॉजिट के अंदर पैसे डालकर नए खाते खुलवा सकता है.