छोटी बचत योजनाओं में इन्वेस्टमेंट लिमिट बढ़ाने से सीनियर सिटिजन और मिडल क्लास को होगा फायदा, जानिए क्या है सरकार का प्लान
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में लघु बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) में निवेश की लिमिट बढ़ाने के फैसले का मकसद सीनियर सिटिजन और मिडल क्लास को लाभ पहुंचाना है. वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने ये बात कही है.
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में लघु बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) में निवेश की लिमिट बढ़ाने के फैसले का मकसद सीनियर सिटिजन और मिडल क्लास को लाभ पहुंचाना है. वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने ये बात कही है. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिक और मिडल क्लास अपनी बचत को ज्यादा रिटर्न वाली सुरक्षित सरकारी डिपॉजिट स्कीम में लगाते हैं. बजट 2023-24 में वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए निवेश की अधिकतम सीमा को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा मंथली इनकम अकाउंट स्कीम के लिए अधिकतम डिपॉजिट लिमिट सिंगल अकाउंट के लिए 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रुपये और जॉइन्ट अकाउंट के लिए 9 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये की जाएगी.
मिडल क्लास और सीनियर सिटिजन के कल्याण को ध्यान में रखकर लिया गया फैसला
सोमनाथन ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत करते हुए कहा कि वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत निवेश सीमा में काफी समय से बदलाव नहीं हुआ था. ‘‘इस फैसले के पीछे मुख्य मकसद मिडल क्लास और सीनियर सिटिजन का कल्याण है. ये धारणा थी कि ज्यादा उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित निवेश विकल्पों की जरूरत है. पिछले संशोधन के बाद से लोगों की आमदनी काफी बढ़ी है. इस तरह निवेश सीमा को दोगुना करने से अब सीनियर सिटिजन को अपना पैसा शत-प्रतिशत सुरक्षित निवेश विकल्प में लगाने का मौका मिलेगा. साथ ही उन्हें ऊंचा ब्याज भी मिलेगा, जो बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ब्याज से काफी ज्यादा है.’’
पोस्ट ऑफिस MIS में 1987 से नहीं हुआ था बदलाव
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम में निवेश की सीमा में 1987 से बदलाव नहीं हुआ था. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) के मामले में निवेश सीमा 2004 में तय की गई थी. वित्त मंत्रालय के टॉप ब्यूरोक्रेट ने कहा कि सीमा को संशोधित करने का फैसला लागत पर आएगा क्योंकि सरकार वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत दिए जाने वाले 8 प्रतिशत ब्याज की तुलना में कम दर पर फंड जुटा सकती है. उन्होंने कहा, ‘‘सीनियर सिटिजन के कल्याण को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है कि इस लागत को सरकार को उठाना चाहिए. इस वजह से सीमा बढ़ाई गई है.’’
MIS पर मिलता है 7.1 फीसदी का ब्याज
इसी तरह मध्यम आय वर्ग और सीनियर सिटिजन के बीच बचत के एक अन्य लोकप्रिय माध्यम मंथली इनकम स्कीम (MIS) में निवेश सीमा को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है. MIS पांच साल की डिपॉजिट स्कीम है. मौजूदा समय में इसमें 7.1 प्रतिशत ब्याज मिलता है. सरकार प्रत्येक तिमाही में छोटी बचत योजनाओं की समीक्षा करने के बाद ब्याज दरें तय करती है. वरिष्ठ नागरिक बचत योजनाओं के तहत खाते 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग खोल सकते हैं. इसमें 5 साल तक पैसा जमा कराया जा सकता है.
पीटीआई इनपुट्स के साथ