म्यूचुअल फंड निवेशकों के पैसे की सुरक्षा बढ़ाने के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी ने बड़ा प्लान तैयार किया है. सेबी चाहता है कि फंड हाउस अपने सभी निवेश को चरणबद्ध तरीके से लिस्टेड या भविष्य में लिस्ट होने वाली इक्विटी या डेट सिक्योरिटीज में शिफ्ट करें. सेबी ने ये भी कहा है कि बिना रेटिंग वाले डेट इंस्ट्रूमेंट्स में फंड हाउसेज को कम करना होगा. सेबी के इस कदम से आम निवेशकों को क्या फायदा होगा? निवेशकों के लिए इस बदलाव के बाद क्या बदलेगा? इन सब मुद्दों पर जानकारी दे रहे हैं Investonline.in के फाउंडर अभिनव अंगिरीश.

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क्या है सेबी का प्लान?

ज्यादा जोखिम वाले असेट्स से निवेशकों की सुरक्षा करने का प्लान.

निवेश को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए सेबी की AMCs से उम्मीद.

सभी निवेश लिस्टेड इक्विटी/डेट सिक्योरिटीज में शिफ्ट करें AMCs.

भविष्य में लिस्ट होने वाली सिक्योरिटीज में भी शिफ्ट कर सकते हैं.

बिना रेटिंग वाले डेट इंस्ट्रूमेंट्स में एक्सपोजर घटाएं फंड हाउस.

एक्सपोजर 25 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी पर लाएं फंड हाउस. 

क्यों पड़ी इस बदलाव की जरूरत?

जोखिम बाले बॉन्ड एक बड़े संकट के रूप में उभरे हैं.

म्यूचुअल फंड से पूंजी बाजार के निवेशक भी शामिल.

सेबी ऐसे जोखिमों से बचाव के लिये प्रयास करता रहता है.

बड़े जोखिम से निवेशकों को बचाना चाहता है सेबी.

रेगुलेटरी सेफ्टी नेट मजबूत बनाने में जुटा है सेबी.

सेबी के इस प्लान से क्या बदलेगा?

म्यूचुअल फंड्स अनिलस्टेड सिक्योरिटीज में नहीं कर पाएंगे निवेश.

म्यूचुअल फंड्स का निवेश सिर्फ लिस्टेड इक्विटी/डेट सिक्योरिटीज में होगा.

भविष्य में लिस्ट होने वाली सिक्योरिटीज में भी निवेश कर सकते हैं.

इस व्यवस्था को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा.

निवेशकों के लिए क्या बदलेगा?

सेबी का यह प्रस्ताव निवेशकों के लिए काफी अच्छा.

इन बदलावों के लिए बाद निवेश में जोखिम कम होगा.

निवेशकों के पैसे की सुरक्षा बढ़ेगी.

सेबी बड़े जोखिमों से निवेशकों को बचा पाएगा.

आगे क्या बदलाव संभव?

इस महीने सेबी की बैठक होने वाली है.

बैठक में कई संशोधन का प्रस्ताव पेश होगा.

निवेशकों के लिए सेफ्टी नेट तैयार की जाएगी.

बिना रेटिंग वाले डेट इंस्ट्रूमेंट्स में एक्सपोजर घटाने पर चर्चा.

फीस पर सेबी का प्रस्ताव

म्यूचुअल फंड्स को एकमुश्त फीस लेने की इजाजत मिल सकती है.

फीस का डिस्क्लोजर वैल्युएशन एजेंसियों के सामने करना होगा.

फीस के लिए मेथडोलॉजी AMFI की तरफ से जारी की जाएगी.

सेबी के साथ सलाह मशविरे के बाद तैयार होगी मेथडोलॉजी.