हममें से ज्‍यादातर लोग अपने सपनों का घर खरीदने के लिए होम लोन लेते हैं. संभवत: यह किसी भी व्‍यक्ति द्वारा लिया जाने वाला सबसे बड़ा लोन होता है. न सिर्फ पैसों के मामले में बल्कि इसे चुकाने की अवधि भी सबसे बड़ी होती है. हो सकता है कि आप जितने का होम लोन ले रहे हों, वह चुकाने के अंत तक लगभग दोगुनी हो जाए लेकिन यह सबसे सस्‍ता होता है और 'गुड लोन' की कैटेगरी में आता है. गुड लोन इसलिए कहा जाता है क्‍योंकि इससे आप एक संपत्ति अर्जित करते हैं जिसका दाम समय के साथ बढ़ता ही जाता है. आइए, जानते हैं कि किन प्रमुख सरकारी बैंकों का होम लोन कितना है.

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प्रमुख सरकारी बैंकों के होम लोन रेट्स

बैंक                                                                                                ब्‍याज दरें (प्रतिशत में)

कॉरपोरेशन बैंक                                                                               8.65-9.15

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया                                                                     8.5

एसबीआई                                                                                       8.70-8.90

यूको बैंक                                                                                         8.55-8.80

पीएनबी                                                                                           8.65-8.70  

सिंडिकेट बैंक                                                                                  9.75

इलाहाबाद बैंक                                                                                8.50-8.90

(ब्‍याज दरें deal4loans.com से ली गई हैं. लोन की राशि 30 लाख रुपये और अवधि 20 साल मानी गई है.)

रेडी टु मूव घर खरीदने में है समझदारी

अगर आप घर खरीदने की सोच रहे हैं तो रेडी टु मूव घर ही खरीदने पर विचार करें. भारत में ढेर सारे हाउसिंग प्रोजेक्‍ट कई साल देरी से चल रहे हैं और इनकम टैक्‍स में होम लोन लेने का फायदा आपको तभी मिलता है जब आपको उसका पजेशन मिल जाता है. आपको बताते चलें कि होम लोन के मूलधन के भुगतान पर 1.50 लाख रुपये तक की छूट धारा 80सी के तहत मिलती है. ब्‍याज के भुगतान पर यह छूट 2 लाख रुपये सालाना है.

होमवर्क के बाद ही लेने जाएं होम लोन

होम लोन की मंजूरी के लिए किसी का व्यक्तिगत प्रोफाइल काफी महत्वपूर्ण होता है. इसमें व्यक्ति की शिक्षा, पेशा, आश्रितों की संख्या, वर्तमान परिसप त्तियां, बचत, बीमा पॉलिसियां आदि शामिल होती हैं. आश्रितों की संख्या अधिक होने या वर्तमान देनदारियां अधिक होने का मतलब होता है कि  रीपेमेंट की क्षमता अपेक्षाकृत कम होगी.

डॉक्‍यूमेंट्स और एनओसी

प्रॉपर्टी के कागजात और अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जैसे दस्तावेज बैंक द्वारा प्रस्तावित फॉर्मेट में जमा करवाना होता है. उधार लेने वाला व्यक्ति अगर प्रस्तावित फॉर्मेट में दस्तावेज जमा नहीं करवाता है तो उसकी सारी मेहनत  पर पानी फिर सकता है.

उधार लेने वाले की उम्र

उम्र भी लोन आवेदन के रद्द होने में अहम भूमिका निभाता है. बैंक हमेशा होम लोन आवेदक की उम्र की जांच करते हैं. अगर उसकी उम्र सेवानिवृत्ति के करीब है तो बैंक केवल शॉर्ट टर्म लोन ही देते हैं. इसकी वजह से मासिक किस्त भी काफी अधिक होती है. इसलिए, उम्र जितनी अधिक होगी व्यक्ति को लंबी अवधि के लोन मिलने के चांस कम होते हैं.

क्रेडिट हिस्ट्री

इन दिनों उधार लेने वालों की क्रेडिट हिस्ट्री भी होम लोन लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. क्रेडिट हिस्ट्री वास्तव में आपकी फाइनेंशियल रिपोर्ट कार्ड होती है. कोई भी बैंक लोन मंजूर करने के दौरान इस पर गौर फरमाता है. इसमें आप पर बकाया तमाम लोन या विलंबित भुगतानों की जानकारी होती है. क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों के भारत में आने के साथ ही अब लोन आवेदकों के क्रेडिट रिपोर्ट की जानकारी पाना वित्तीय संस्थानों और बैंकों के लिए अब काफी आसान हो गया है.

लोकेशन का महत्व

बैंक किसी खास लोकेशन के लिए ऋण मंजूर भी नहीं करते हैं. बैंक और वित्तीय संस्थान किसी खास लोकेशन को ब्लैक् लिस्ट कर देते हैं. इसलिए होम लोन लेने से  हले यह जांच लें किप्रॉपर्टी ब्लैक लिस्टेड लोकेशन में तो नहीं है.