कोरोना काल में EMI की टेंशन खत्म! RBI की लोन रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम से मिलेगी बड़ी राहत
कोरोना महामारी के इस मुश्किल दौर में अगर आपको अपने लोन के EMI की टेंशन हो रही है तो RBI आपके लिए बड़ी राहत लेकर आया है.
कोरोना महामारी के इस मुश्किल दौर में अगर आपको अपने लोन के EMI की टेंशन हो रही है तो RBI आपके लिए बड़ी राहत लेकर आया है. RBI ने लोन रीस्ट्रक्चरिंग का ऐलान किया है. इससे आपको लोन के ईएमआई को लेकर 2 साल तक की राहत मिल सकती है. आइये जानते हैं क्या है लोन रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम.
क्या है लोन रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम
लोन रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम के तहत बैंक ग्राहक के लोन का रीपेमेंट शेड्यूल को बदल सकेंगे. इसमें ग्राहकों के लोन की अवधि बढ़ाने, पेमेंट हॉलिडे देने का विकल्प, होम लोन, एजुकेशन लोन, कार लोन की रीस्ट्रक्चरिंग, गोल्ड लोन, पर्सनल लोन की EMI के लिए विकल्प शामिल होंगे. इस स्कीम के तहत कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन, लोन अगेंस्ट सिक्योरिटीज की भी भी रीस्ट्रक्चरिंग की जा सकेगी. लोन की रीस्ट्रक्चरिंग से ग्राहकों की ईएमआई कुछ महीनों के लिए कम हो जाएगी. इस स्कीम के तहत लोन रीस्ट्रक्टरिंग से ईएमआई को कुछ महीने तक टाला भी जा सकता है.
लोन रीस्ट्रक्चरिंग के चलते ग्राहकों को मिलेंगे ये विकल्प
आरबीआई की ओर से दी गई लोन रीस्ट्रक्चरिंग की सुविधा के तहत ग्राहकों को लोन का पेमेंट रीशेड्यूल करने, मोरिटोरियम का ब्याज अलग लोन में बदलने, लोन चुकाने की कुल अवधि में बढ़ोतरी करने, EMI में कमी कर लोन अवधि को बढ़ाने सहित लोन छूट को अधिकतम 2 साल तक बढ़ाने की सुविधा मिलेगी. हालांकि ध्यान रहे लोन की ब्याज दर क्या होगी ये बैंक तय करेगा. ग्राहक की स्थिति देखकर बैंकों को फैसले लेने के अधिकार दिए गए हैं.
पर्सनल लोन और लोन रीस्ट्रक्चरिंग
पर्सनल लोन धारकों को भी लोन रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम का फायदा मिलेगा. इस सकीम के चलते आरबीआई ने कोरोना काल के संकट से बैंक और ग्राहक, दोनों को राहत देने की कोशिश की है. इससे NPA कम करने में भी मदद मिलेगी.
लोन रीस्ट्रक्चरिंग का कब लेना चाहिए फायदा
लोन की रीस्ट्रक्चरिंग से आपको तुरंत राहत मिलेगी लेकिन ब्याज का खर्च बढ़ेगा. आप अगर लोन भरने में असमर्थ हैं तो ही स्कीम का फायदा ले सकते हैं. कोरोना काल में आय पर असर पड़ा है तो ये स्कीम बेहतर विकल्प है. अगर आपको लंबी अवधि तक कैश फ्लो बेहतर ना होने की आशंका तो ही लोन रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम का फायदा लें. रीस्ट्रक्चरिंग वाले लोन आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में भी नज़र आएंगे. स्कीम लेते वक्त बढ़ने वाले ब्याज का हिसाब ज़रूर लगा लें.
कौन करा सकता है लोन रीस्ट्रक्चरिंग
अगर आपके कैश फ्लो पर असर पड़ा है और आपको तुरंत राहत की जरूरत है तो आप लोन रीस्ट्रक्चरिंग करा सकते हैं. आपका लोन अकाउंट का स्टेटस स्टैंडर्ड होना ज़रूरी. मार्च 1, 2020 तक आपका अकाउंट 30 दिन से ज्यादा के डिफ़ॉल्ट में नहीं होना चाहिए.
नॉन-बैंक लोन को भी कर सकते हैं रीस्ट्रक्चर
आरबीआई की ओर से दी गई सुविधा के तहत कमर्शियल बैंक, स्मॉल फ़ाइनेंस बैंक, स्थानीय बैंकों के लोन इस स्कीम में शामिल हैं. NBFCs, HFCs, को-ऑपरेटिव बैंक के लोन पर भी रीक्स्ट्रक्चरिंग की सुविधा मिलेगी.
लोन रीस्ट्रक्चरिंग में बैंकों को मिलेंगी ज्यादा अधिकार
बैंकों को ग्राहकों को राहत देने के लिए मिलेंगे ज्यादा अधिकार
बैंक के पास EMI घटाने का विकल्प मौजूद रहेगा
लोन की अवधि बढ़ाने का फैसला बैंक ले सकते हैं
ब्याज दर एड्जस्ट कर सकता है बैंक
लोन रीस्ट्रक्चरिंग के फायदे
स्कीम का फायदा लेने से NPA नहीं होगा कर्ज
ग्राहकों से जबरदस्ती वसूली नहीं करेगा बैंक
रीस्ट्रक्चरिंग से कम हो सकती है आपकी EMI
रीस्ट्रक्चरिंग से लोन की अवधि बढ़ जाएगी
रीस्ट्रक्चरिंग में मूलधन में कितनी छूट मिलेगी
लोन रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम में मूलधन में छूट नहीं मिलेगी
इसके तहत सिर्फ लोन की अवधि बढ़ा सकते हैं
भारी-भरकम EMI का बोझ कम करती है स्कीम
रीस्ट्रक्चरिंग से लंबे वक्त तक कम किस्त भरेंगे
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लोन मोरेटोरियम और लोन रीस्ट्रक्चरिंग में ये है अंतर
लोन मोरेटोरियम लोन रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम
6 महीने के लिए किस्तें न चुकाने की छूट बैंकों को मिलेंगे ज्यादा अधिकार
इस अवधि का ब्याज मूल धन में जोड़ा गया बैंक के पास EMI घटाने का विकल्प
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