PPF में इन्वेस्टमेंट शुरू किया तो 5 साल से पहले बंद नहीं होगा अकाउंट, निवेश से पहले समझें प्रीमैच्योर क्लोजर के नियम
नियम के अनुसार पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश शुरू करने के बाद आपको इस स्कीम को मिनिमम 5 सालों तक चलाना ही होता है, उसके बाद ही आप कुछ कंडीशंस में इसका प्रीमैच्योर क्लोजर कराया जा सकता है.
PPF लॉन्ग टर्म की स्कीम है. इसके जरिए आप लंबे समय में अच्छा खासा पैसा जोड़ सकते हैं. टैक्स बेनिफिट्स के लिहाज से भी इस स्कीम को काफी अच्छा माना जाता है. लेकिन अगर आपने पीपीएफ में निवेश शुरू करने के बाद आपको इससे बेहतर रिटर्न देने वाली किसी स्कीम के बारे में पता चलता है और आप पीपीएफ अकाउंट बंद कराकर दूसरी स्कीम में निवेश शुरू करना चाहते हैं, तो आप ये कैसे करेंगे?
PPF स्कीम 15 साल में मैच्योर होती है, ये तो सब जानते हैं, लेकिन इसके प्री-मैच्योर क्लोजर के बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं होती. नियम के अनुसार पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश शुरू करने के बाद आपको इस स्कीम को मिनिमम 5 सालों तक चलाना ही होता है, उसके बाद ही आप कुछ कंडीशंस में इसका प्रीमैच्योर क्लोजर कराया जा सकता है.
समझिए किन स्थितियों में करवा सकते हैं प्रीमैच्योर क्लोजर
पीपीएफ के मौजूदा नियमों के मुताबिक जिस वित्त वर्ष में खाता खोला गया है, उसके अगले 5 साल तक खाते को बंद नहीं कराया जा सकता. इसके बाद कुछ विशेष परिस्थितियों में ही खाता बंद कराया जा सकता है, लेकिन ब्याज में कटौती पर जुर्माना लगाया जाता है.
1- अगर कोई मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति हो और आपको अपने या परिवार के सदस्य के इलाज के लिए पैसों
की जरूरत हो तो आप 5 साल बाद आंशिक निकासी कर सकते हैं या प्रीमैच्योर क्लोजर भी करवा सकते हैं.
2- बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए 5 सालों के बाद पीपीएफ प्रीमैच्योर क्लोजर कराया जा सकता है या आंशिक निकासी की जा सकती है.
3- अगर आप विदेश शिफ्ट हो रहे हैं तो भी पीपीएफ अकाउंट बंद करवाकर पूरा पैसा निकाल सकते हैं.
4- अकाउंटहोल्डर के निधन की स्थिति में मैच्योरिटी से पहले खाते को बंद कराया जा सकता है. इस स्थिति में 5 साल का नियम लागू नहीं होता है.
5- अगर आप खाते के Mature होने से पहले Withdraw करते हैं तो ब्याज 1% काटकर पैसा वापस मिलेगा.
ये है प्री-मैच्योर क्लोजर का तरीका
पीपीएफ खाते को प्री-मैच्योर क्लोज कराने के लिए आपको एक लिखित आवेदन बैंक खाते की होम ब्रांच में जमा करना होता है. इस आवेदन में आपको वजह बतानी होती है कि आप अकाउंट को किस कारण से बंद कर रहे हैं. इस बीच आपको आवेदन के साथ कुछ दस्तावेज भी अटैच करने होते हैं. इसमें पीपीएफ पासबुक की एक कॉपी होनी चाहिए.
साथ ही अगर बीमारी के इलाज के लिए खाता बंद कर रहे हैं तो मेडिकल अथॉरिटी के दिए गए कागजात, उच्च शिक्षा के लिए खाता बंद कर रहे हैं, तो फीस की रसीद, किताबों के बिल और एडमिशन को कन्फर्म करने वाले डॉक्युमेंट्स और निधन के मामले में डेथ सर्टिफिकेट लगाना होता है. दस्तावेजों का वेरिफिकेशन होने के बाद खाता बंद करने का आवेदन स्वीकार किया जाता है. इसके बाद आपका अकाउंट बंद कर दिया जाता है लेकिन पेनल्टी अमाउंट काट लिया जाता है.