PPF vs SIP: करोड़पति बनने का दमदार तरीका; रिटर्न-रिस्क समझकर करें निवेश, देखें कैलकुलेशन
PPF vs SIP: आमदनी, बचत और नियमित निवेश की एक साइकिल को लंबे समय तक बनाए रखा जाए, तो भविष्य में आसानी से अच्छा-खासा कॉपर्स बनाया जा सकता है. निवेश का सीधा तरीका यह है कि आपको अपनी सेविंग, रिस्क और गोल तीनों को पहले से स्पष्ट रखना चाहिए.
PPF vs SIP: आमदनी, बचत और नियमित निवेश की एक साइकिल को लंबे समय तक बनाए रखा जाए, तो भविष्य में आसानी से अच्छा-खासा कॉपर्स बनाया जा सकता है. निवेश का सीधा तरीका यह है कि आपको अपनी सेविंग, रिस्क और गोल तीनों को पहले से स्पष्ट रखना चाहिए. लंबी अवधि में निवेश के जरिए अगर आप करोड़पति बनना चाहते हैं, तो यह पहले समझ लें कि क्या आप बिना रिस्क उठाए करोड़ रुपये के मालिक बनना चाहते हैं, या बाजार के रिस्क और रिटर्न दोनों के नफा-नुकसान के भगीदार बनकर करोड़ों का फंड बनाना चाहते हैं. यहां हम निवेश के 2 ऐसे ऑप्शन के बारे में बात करने जा रहा है, जिसमें एक स्कीम में आपका पैसा पूरा सेफ रहता है और धीरे-धीरे बढ़ता जाता है. वहीं, दूसरी स्कीम में मार्केट के उतार-चढ़ाव का जोखिम रहता है लेकिन लॉन्ग टर्म में कम्पाउंडिंग का जबरदस्त लाभ मिलता है.
ऑप्शन- 1: PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) एक ऐसी स्माल सेविंग्स स्कीम हैं, जिसमें लंबी अवधि के नजरिए से निवेश किया जाए तो न केवल करोड़ों का फंड बन जाएगा. बल्कि आपका जमा पैसा भी सुरक्षित रहता है. PPF अकाउंट पोस्ट ऑफिस या अथराज्ड बैंक ब्रांच में खुलवाया जा सकता है. फिलहाल, PPF पर सालाना 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है. इस अकउंट की मैच्योरिटी 15 साल होती है, जिसे 5-5 साल के ब्लॉक में एक्सटेंड किया जा सकता है. इस स्कीम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनेफिट मिलता है. इसमें स्कीम में 1.5 लाख रुपये तक निवेश का डिडक्शन लिया जा सकता है. PPF में कमाई गई ब्याज और मेच्योरिटी की राशि भी टैक्स फ्री होती है. इस तरह पीपीफ में निवेश EEE कैटेगरी में आता है.
PPF से कैसे बनेंगे करोड़पति?
PPF अकाउंट में सालाना 1.50 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकता है. मान लीजिए, आप हर महीने 12,500 रुपये पीपीएफ अकाउंट में निवेश करते हैं. 15 साल में मैच्योरिटी के बाद आप अपने पीपीएफ अकाउंट को 5-5 साल के ब्लॉक में आगे बढ़ा सकते हैं. ऐसे में 25 साल के बाद आपके PPF अकाउंट का पूरा फंड 1 करोड़ से ज्यादा (1,03,08,015) हो जाएगा. इसमें आपका निवेश 37.50 लाख और ब्याज से इनकम करीब 65.58 लाख रुपये होगी. यह ध्यान रखें कि यहां पूरी निवेश अवधि में सालाना ब्याज 7.1 फीसदी लिया गया है. सरकार की तरफ से हर तिमाही ब्याज दरों की समीक्षा होती है. ऐसे में ब्याज दरों में बदलाव के साथ मैच्योरिटी अमाउंट भी बदल सकता है.
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ऑप्शन- 2: Mutual Fund SIP
करोड़पति बनने का एक ऑप्शन म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करना भी है. हालांकि, इसमें मार्केट का पूरा जोखिम रहता है. अगर आपके पास जोखिम उठाने की क्षमता है, तो ही निवेश का यह ऑप्शन चुनना चाहिए. म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए आप मंथली निवेश शुरू कर सकते हैं. SIP में निवेश का फायदा लॉन्ग टर्म तक बनाए रखने पर काफी जबरदस्त हो सकता है. आमतौर पर SIP के जरिए लंबे समय तक रेग्युलर निवेश से कम्पाउंडिंग का फायदा होता है. म्युचूअल फंड की कई ऐसी स्कीम्स हैं, जिन्होंने 15-20 साल की अवधि में 12-15 फीसदी का सालाना रिटर्न दिया है. यहां एक बात ध्यान रखें कि म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन रहता है. यानी, बाजार में उतार-चढ़ाव का असर आपके रिटर्न पर पड़ सकता है.
SIP से कैसे बना सकते हैं करोड़ रुपये का फंड
SIP में आप 100 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. मान लीजिए, पीपीएफ निवेश की तरह आपने 12,500 रुपये की मंथली SIP शुरू की है और इसे लगातार 25 साल तक बनाए रखा. अब इसमें कम्पाउंडिंग का फायदा देखिए कि आपको 25 साल SIP से 2 करोड़ से ज्यादा (2,37,20,439) का फंड बन जाएगा. इसमें निवेश 37.50 लाख रुपये और अनुमानित रिटर्न 1.99 करोड़ रुपये होगा. इसमें सालाना 12 फीसदी का रिटर्न लिया गया है.
किस स्कीम में कितना बनेगा फंड
PPF कैलकुलेटर के मुताबिक, आपको 1 करोड़ रुपये का फंड बनाने में 25 साल लगेंगे, जिसके लिए सालाना 7.1 फीसदी ब्याज मिलना चाहिए. वहीं, SIP के जरिए 25 साल लगातार निवेश पर आप 2.37 करोड़ रुपये का फंड बना सकते हैं. इसमें 12 फीसदी सालाना अनुमानित रिटर्न लिया गया है. यानी, अगर आपने जोखिम लिया तो एक समान अवधि में आप बिना जोखिम वाली स्कीम के मुकाबले दोगुने से ज्यादा फंड बना सकते हैं. PPF से करोड़पति बनने में समय ज्यादा लगेगा लेकिन आपका पैसा पूरी तरह सेफ रहेगा. जबकि, म्यूचुअल फंड एसआईपी से करोड़पति जल्दी बनने की उम्मीद है, लेकिन इसमें बाजार का रिस्क फैक्टर है. म्यूचुअल फंड में अगर निवेश कर रहे हैं, तो अपने गोल और टेन्योर के मुताबिक उसकी समय-समय पर समीक्षा करते रहनी चाहिए.
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश संबंधी फैसला करने से पहले एडवाइजर से परामर्श जरूर कर लें.)