PPF के बदल गए हैं ये नियम, पैसा लगाते समय इन बातों का रखें ध्यान
इस समय अगर आप निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो पीपीएफ आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन है. इसके जरिए आप थोड़ी-थोड़ी बचत करके अपने बड़े सपने पूरा करना चाहते हैं.
इस समय अगर आप निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो पीपीएफ आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन है. इसके जरिए आप थोड़ी-थोड़ी बचत करके अपने बड़े सपने पूरा करना चाहते हैं. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) की खास बात है कि बैंकों के फिक्स्ड डिपाजिट (Fixed Deposit) की तुलना में PPF में अधिक ब्याज मिलता है. बता दें हाल ही में डाक विभाग ने पब्लिक प्रविडेंट फंड के नियमों में बदलाव किया है.
गैजेट नोटिफिकेशन में इन बदलावों के बारे में जानकारी दी गई है. आइए आपको नए नियमों के बारे में डिटेल में बताते हैं कि निवेश करते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
न्यूनतम रकम की लिमिट हुई चेंज
बता दें नए नियमों के मुताबिक, PPF में न्यूनतम रकम की बदल गई है. इस समय अगर आप किसी नाबालिग का खाते में पैसे जमा करते हैं तो इसकी रकम कम से कम 500 रुपए होनी चाहिए. बता दें नए नियम के मुताबिक रकम 50 रुपए के मल्टीपल में होनी चाहिए. इसके साथ ही अब आपको फॉर्म ए की जगह फॉर्म 1 भरना होगा.
बिना डिपॉजिट कमाएं ब्याज
इसके साथ ही आप मैच्योरिटी के बाद भी बिना डिपॉजिट किए पीपीएफ खाते को जारी रख सकते हैं. इसके साथ ही अगर आप उस खाते में रकम जमा नहीं करते हैं तब भी आपको जमा रकम पर ब्याज मिलता रहता है. बिना डिपॉजिट के पीपीएफ खाते को मच्योरिटी के बाद भी अगर आप अपने खाते को जारी रखते हैं तो आपको वित्त वर्ष में सिर्फ एक बार ही रकम निकालने का मौका मिलेगा.
खाते पर लोन
इसके अलावा आप पीपीएफ खाते पर लोन भी ले सकते हैं. इसका मूलधन जमा करने के लिए आपको पे-इन-स्लिप की जरूरत होती है. लोन को अप्लाई करने के बाद आपके लोन खात में इसको क्रेडिट कर दिया जाएगा. बाद में जब ग्राहक मूलधन राशि का भुगतान कर देगा तो उसको सालाना एक फीसदी की दर से ब्याज दिया जाएगा. बता दें आप इसके आधार पर दो महीने से कम की किस्त में ब्याज की रकम जमा कर सकते हैं. इसका भुगतान आपको लोन लेने के अगले महीने से शुरू हो जाता है.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV देखें:
ये भी नियम बदले
इसके साथ ही पीपीएफ खाते की मच्योरिटी से जुड़े नियमों में बदलाव हुआ है. बता दें पीपीएफ खाता 15 साल में मैच्योर होता है, आप इसके बाद खाते को पांच साल के लिए आगे बढ़ा सकते हैं. इसके लिए मच्योरिटी पीरियड खत्म होने से एक साल के भीतर फॉर्म 4 जमा करना होगा, पहले इसके लिए फॉर्म एच भरना होता था.