Post Office 5-Year NSC scheme: छोटी बचत योजनाओं में भी निवेश कर आप बेहतर रिटर्न हासिल कर सकते हैं. पोस्ट ऑफिस में ऐसी कई स्कीम हैं. इन्हीं में से एक है पोस्ट ऑफिस नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट. इस स्कीम National Savings Certificates (VIIIth Issue) (NSC) में निवेश के कई फायदे मिलते हैं. इंडिया पोस्ट के मुताबिक, फिलहाल इस स्कीम पर 7 प्रतिशत ब्याज दर ऑफर की जा रही है. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि अगर आप 1000 रुपये निवेश करते हैं तो मेच्योरिटी पर इस स्कीम में आपको कुल 1403 रुपये मिलते हैं. यानी आपको 403 रुपये का बेनिफिट होता है. इस पर तय ब्याज का निर्धारण भारत सरकार करती है. हर तीन महीने पर इसकी समीक्षा की जाती है. 

कौन खोल सकता है Post Office 5-Year NSC अकाउंट

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पोस्ट ऑफिस की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, कोई भी सिंगल, ज्वाइंट और यहां तक कि तीन वयस्क मिलकर भी अकाउउंट ओपन कर सकते हैं. नाबालिग  भी अभिभावक की तरफ से अकाउंट ओपन कर सकते हैं. अगर नाबालिग 10 साल से ज्यादा उम्र का है तो वह खुद के नाम से पोस्ट ऑफिस नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट अकाउंट ओपन कर सकता है. इस स्कीम में एक खास बात यह है कि विशेष परिस्थिति (अकाउंट होल्डर की मौत, कोर्ट का स्पेशल ऑर्डर आदि) में एक अकाउंट को दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर भी किया जा सकता है.  

NSC में मिनिमम कितने से कर सकते हैं निवेश की शुरुआत

पोस्ट ऑफिस नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) स्कीम में कोई निवेशक न्यूनतम 1000 रुपये निवेश कर सकता है और इसके अलावा, 100 के मल्टीपल में निवेश कर सकते हैं. एनएससी में निवेश की कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं है. हर साल निवेशक को ब्याज का भुगतान नहीं किया जाता है, लेकिन यह जमा हो जाता है. National Savings Certificates (VIIIth Issue) (NSC) स्कीम 5 साल का लॉक-इन पीरियड है. यानी सामान्य स्थिति में मेच्योरिटी के बाद ही पैसा निकाल सकते हैं.

इनकम टैक्स छूट का फायदा

अगर कोई निवेशक पोस्ट ऑफिस एनएससी स्कीम (Post Office 5-Year NSC scheme) में निवेश करता है तो वह इनकम टैक्स की धारा 80सी (Section 80C of Income Tax) के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये तक का निवेश कर टैक्स छूट पा सकते हैं. टैक्सेबल इनकम होने पर कुल आय में से राशि काट ली जाती है. इनकम टैक्स के संदर्भ में NSC पर सालाना अर्जित ब्याज को निवेशक की ओर से रीइन्वेस्ट माना जाता है और वह 1.5 लाख की कुल सीमा के भीतर धारा 80C के तहत टैक्स कटौती के योग्य हो जाता है.

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