Kaam ki Baat: 1, 2, 3, और 5 साल कितने समय के टाइम डिपॉजिट पर मिलता है कितना ब्याज? जानिए इसके फायदे
बैंक की एफडी की तरह पोस्ट ऑफिस में भी एफडी स्कीम चलाई जाती है. इसे टाइम डिपॉजिट कहा जाता है. आप पोस्ट ऑफिस में 1, 2, 3, और 5 साल तक के लिए टाइम डिपॉजिट करवा सकते हैं.
Post office Time Deposit Scheme: निवेश के लिहाज से बेशक आज के समय में तमाम ऑप्शन मौजूद हों, लेकिन आज भी तमाम लोग एफडी पर भी भरोसा करते हैं. एफडी में आपको निश्चित रिटर्न की गारंटी मिलती है और मार्केट के उतार-चढ़ाव का कोई असर नहीं होता. बैंक की एफडी की तरह पोस्ट ऑफिस में भी एफडी स्कीम चलाई जाती है. इसे टाइम डिपॉजिट कहा जाता है. आप पोस्ट ऑफिस में 1, 2, 3, और 5 साल तक के लिए टाइम डिपॉजिट करवा सकते हैं. जानें पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट में कितना मिलता है ब्याज और इसके क्या हैं फायदे?
जानिए कितना मिल रहा है ब्याज
पोस्ट ऑफिस की टाइम डिपॉजिट स्कीम में साल के हिसाब से ब्याज अलग-अलग होता है. अगर आप इसमें एक साल के लिए पैसा फिक्स करते है तो आपको 5.50% प्रतिशत के हिसाब से ब्याज मिलेगा. दो वर्ष के टाइम डिपॉजिट पर 5.70%, 3 वर्ष पर 5.80% और 5 वर्ष के टाइम डिपॉजिट पर 6.70% के हिसाब से ब्याज मिलता है.
कंपाउंडिंग का फायदा
टाइम डिपॉजिट में आपको कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. इसमें ब्याज का भुगतान सालाना आधार पर होता है, लेकिन इसकी गणना तिमाही के आधार पर की जाती है. कंपाउंडिंग ब्याज का मतलब है कि आपको मूलधन के अलावा ब्याज पर भी ब्याज दिया जाता है. कंपाउंडिंग का फायदा हमेशा लंबे समय में होता है. ऐसे में अगर आप पांच साल के लिए टाइम डिपॉजिट स्कीम में निवेश करता है, तो मैच्योरिटी पर अच्छा खासा बेनिफिट ले सकता है.
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ये हैं टाइम डिपॉजिट की विशेषताएं
- टाइम डिपॉजिट अकाउंट कम से कम 1000 रुपये से खोला जा सकता है. अधिकतम राशि जमा करने की कोई सीमा नहीं है.
- इसमें सिंगल और ज्वॉइंट अकाउंट दोनों की सुविधा है. अगर उम्र 10 साल से ज्यादा है तो माइनर के नाम से भी अकाउंट खुल जाता है. बालिग होने तक अकाउंट की देखरेख अभिभावक को करनी होती है.
- 5 साल की अवधि वाले टाइम डिपॉजिट अकाउंट में निवेश की गई राशि पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट का फायदा भी मिलता है.
- अकाउंट खोलने के साथ और अकाउंट खोलने के बाद भी नॉमिनी को एड किया जा सकता है.
- टाइम डिपॉजिट होल्डर अगर अपना फंड मैच्योरिटी से पहले वापस लेना चाहता है, तो छह महीने बाद उसे ये सुविधा मिल जाती है.