Post Office Small Savings Schemes: छोटी बचत योजनाओं में निवेशकों करने वालों को बड़ा तोहफा. केंद्र सरकार ने स्मॉल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है.सरकार ने चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Account Yojana) पर ब्याज दर 0.20% और 3 साल की सावधि जमा योजना पर ब्याज दर 0.10% बढ़ा दीं. अन्य सभी छोटी बचत योजनाओं (Small Savings SChemes) के लिए दरें पहले की तरह बनी रहेंगी.

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वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की ओर से जारी सर्कुलर के अनुसार, सुकन्या समृद्धि योजना के तहत जमा पर ब्याज दर मौजूदा 8% से बढ़ाकर 8.2% कर दी गई. तीन साल की टर्म डिपॉजिट पर दर मौजूदा 7% से बढ़कर 7.1% कर दी गई है. हालांकि, पीपीएफ (PPF) पर ब्याज दर 7.1% और बचत जमा पर ब्याज दर 4% पर बरकरार रखी गई हैं. नई दरें 1 जनवरी 2024 से लागू होंगी.

इस बार सरकार ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC), किसान विकास पत्र (KVP), सीनियर सिटीजन्स सेविंग्स स्कीम (SCSS), 5 साल रेकरिंग डिपॉजिट, मंथली इनकम अकाउंट स्कीम के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.

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अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में दरें समान थीं. किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 7.5  है. इसकी मैच्योरिटी पीरियड 115 माह है. नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) पर ब्याज दर एक जनवरी से 31 मार्च 2024 के लिए 7.7  पर यथावत रही. मासिक आय योजना के लिए ब्याज दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. निवेशकों के लिए यह 7.4%  होगी.

क्या हैं छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें? (Small Savings Scheme Interest Rate)

Savings Deposit- 4%

1 Year Time Deposit- 6.9%

2 Year Time Deposit- 7%

3 Year Time Deposit- 7.1%

5 Year Time Deposit- 7.5%

5 Year Recurring Deposit- 6.7%

Senior Citizen Savings Scheme- 8.2%

Monthly Income Account Scheme- 7.4%

Nationa Savings Certificate- 7.7%

Public Provident Fund Scheme- 7.1%

Kisan Vikas Patra- 7.5%

Sukanya Samriddhi Account Scheme- 8.2%

सरकार हर तिमाही में मुख्य रूप से डाकघरों द्वारा संचालित छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर अधिसूचित करती है. रिजर्व बैंक ने मई, 2022 से नीतिगत दर 2.5% बढ़ाकर 6.5% कर दी थी, जिससे बैंकों को भी जमा पर ब्याज दरें बढ़ानी पड़ी थीं. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस साल फरवरी से मौद्रिक नीति समिति (MPC) की लगातार पांच बैठकों में नीति दर पर यथास्थिति बना रखी है.