पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) एक लोकप्रिय स्‍कीम है. इनकम टैक्‍स बचाने और लंबे समय में मोटा फंड जोड़ने के लिहाज से ताम लोग इस स्‍कीम में निवेश करते हैं. मौजूदा समय में इस अकाउंट पर 7.1 फीसदी का ब्‍याज मिलता है. अगर आप पीपीएफ में निवेश करना चाहते हैं तो पोस्‍ट ऑफिस या बैंक में अकाउंट ओपन करवा सकते हैं. लेकिन पीपीएफ में निवेश करने से पहले आपको इससे जुड़े वो नियम जरूर जान लेने चाहिए जिनके बारे में तमाम लोगों को जानकारी नहीं होती.

नहीं खोल सकते एक से ज्‍यादा अकाउंट 

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तमाम स्‍कीम्‍स की तरह पीपीएफ में आपको एक से ज्‍यादा अकाउंट खोलने की सुविधा नहीं मिलती. अगर गलती से आपके 2 पीपीएफ खाते खोले जा चुके हैं तो दूसरे अकाउंट को वैध अकाउंट नहीं माना जाएगा. जब तक दोनों खातों को मर्ज नहीं किया जाता, तब तक उस पर ब्‍याज भी नहीं मिलेगा.

जॉइंट अकाउंट का विकल्‍प नहीं

दूसरी तमाम स्‍कीम्‍स में आपको जॉइंट अकाउंट ओपन करने की सुविधा मिल जाती है, लेकिन पीपीएफ में ये सुविधा मौजूद नहीं है. हालांकि आप इसमें कई नॉमिनी जरूर बना सकते हैं और उनके अलग-अलग हिस्‍से भी तय कर सकते हैं. अगर अकाउंट होल्‍डर की किसी कारणवश मृत्‍यु हो जाती है तो नॉमिनी को वो रकम निकालने का अधिकार होता है.

ब्याज दर बदलने की संभावना

पीपीएफ की ब्याज दर की बात करें तो समय के साथ इसकी ब्याज दर भी प्रभावित होती रहती है. अप्रैल 2019 से जून 2019 तक इसकी ब्‍याज दर 8 प्रतिशत थी, इसके बाद इसे घटाकर 7.9 फीसदी किया गया और फिर जनवरी-मार्च, 2020 में इसे 7.1 प्रतिशत कर दिया गया. तब से अब तक ये ब्‍याज दर 7.1 फीसदी पर ही बरकरार है. अगर आने वाले समय में ये ब्‍याज दर और कम हो जाती है, तो लोगों के पास इससे बेहतर रिटर्न देने वाले तमाम विकल्‍प मौजूद होंगे.

इन्‍वेस्‍टमेंट की अधिकतम लिमिट

पीपीएफ में इन्‍वेस्‍टमेंट की अधिकतम लिमिट 1.5 लाख रुपए सालाना है. अगर आपकी सैलरी काफी अच्‍छी है और आप इस स्‍कीम में ज्‍यादा इन्‍वेस्‍टमेंट करना चाहते हैं, तो ऐसा नहीं कर सकते. ऐसे में आपको निवेश के दूसरे ऑप्‍शन तलाशने पड़ते हैं.