Post Office में कई तरह की स्‍कीम्‍स चलाई जाती हैं. 5 साल की रिकरिंग डिपॉजिट यानी आरडी (Recurring Deposit-RD) हमेशा से लोगों के लिए निवेश का पसंदीदा विकल्‍प रहा है. आरडी के जरिए आप छोटी-छोटी बचत करके अच्‍छा खासा पैसा जोड़ सकते हैं. वैसे तो बैंकों में अलग-अलग टेन्‍योर की आरडी होती है, लेकिन पोस्‍ट ऑफिस में भी आरडी स्‍कीम 5 साल की होती है और इस पर ब्‍याज भी अच्‍छा खासा मिलता है. मौजूदा समय में 6.7% के हिसाब से ब्‍याज दिया जा रहा है.

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आरडी में आपको हर महीने निश्चित तारीख तक एक निश्चित किस्‍त जमा करनी होती है. अगर आप किसी महीने में किस्‍त को निर्धारित तारीख तक जमा नहीं करते हैं तो आपको इसके बदले पेनल्‍टी चुकानी होती है. वहीं लगातार कई किस्‍ते जमा न करने पर अकाउंट बंद भी हो सकता है. यहां जानिए पोस्‍ट ऑफिस की कितनी किस्‍तें बाउंस होने पर अकाउंट बंद कर दिया जाता है. अगर आरडी के टेन्‍योर के बीच कुछ किस्‍तें मिस हो जाएं, तो भी क्‍या उस आरडी को जारी रखा जा सकता है? यहां जानिए

कितनी किस्‍तें न देने पर बंद हो जाता है आरडी अकाउंट

आरडी की किस्‍त अगर किसी भी महीने में आप निर्धारित तारीख तक जमा नहीं करते हैं तो आपको 1% प्रतिमाह की दर से पेनाल्टी भी चुकानी पड़ती है. लेकिन जब आप आरडी की लगातार चार किस्‍तें जमा नहीं कर पाते हैं, तो आपका आरडी अकाउंट बंद कर दिया जाता है. हालांकि बंद किए गए अकाउंट को भी आप दोबारा चालू करवा सकते हैं. 

इसके लिए आपको दो महीने की मोहलत दी जाती है. इस बीच आपको आरडी को दोबारा चालू करने के लिए आवेदन देना होता है. बंद आरडी को दोबारा शुरू कराने पर आपको पहले पिछले महीने की बकाया किस्‍तों को पेनल्‍टी के साथ जमा करना होता है. लेकिन अगर आप दो महीने की अवधि में कोई एप्‍लीकेशन नहीं देते हैं तो ये पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है.

बिना किस्‍त जमा किए आरडी जारी रखने का विकल्‍प

अगर आपको लगता है कि आपकी फाइनेंशियल कंडीशन थोड़ी ठीक नहीं है और आपको किस्‍तों को लगातार जमा करने में कुछ समय तक परेशानी हो रही है, तो बिना किस्‍त जमा किए भी आप अपनी आरडी को जारी रख सकते हैं. इसके लिए आपको आरडी अकाउंट की परिपक्वता अवधि (Maturity Period) को आगे बढ़वाना पड़ता है. लेकिन ये काम आपको पहले से स्थिति को भांपकर करना होगा. चार महीने की किस्‍तें नहीं देने के बाद आपको ये ऑप्‍शन नहीं मिलता है. लेकिन ध्‍यान रहे कि मैच्‍योरिटी पीरियड के एक्सटेंशन का समय उतना ही बढ़ाया जा सकता है, जितने महीने आप किस्‍त अदा नहीं कर पा रहे हैं.