Salary Slip में आपकी सैलरी से जुड़े 9 शब्द आपको जरूर जानने चाहिए, समझिए किसका क्या मतलब
Salary Slip हर सरकारी नौकरी या फिर प्राइवेट नौकरी करने वालों के काम आती है. इसका सबके पास एक डॉक्यूमेंट के रूप में होना बेहद जरूरी होता है. इसे प्रमाण के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है. अगर आप Income Tax फाइल कर रहे हैं या फिर बैंक से लोन ले रहे हैं, तो ये काफी जरूरी होता है. वहीं अगर आप एक नौकरी छोड़ दूसरी नौकरी पकड़ते हैं, तब भी इसकी आपके सख्त जरूरत पड़ती है. इसी को देखते HR आपकी सैलरी में Increment देता है. लेकिन शायद ही कम लोग ये जानते होंगे कि उनकी सैलरी में से बेसिक सैलरी का कितना हिस्सा कट जाता है, तब जाकर उनकी Gross Salary बनती है. इसके अलावा इसमें आपका PF भी कटता है, तब जाकर आपके अकाउंट में कटकर सैलरी आती है. दरअसल आपकी सैलरी स्लिप से बेसिक सैलरी, एचआरए, स्पेशल अलाउंस के साथ-साथ काफी सारी चीज़े जुड़ी रहती है, आइए जानते हैं इसके बारे कि ये क्यों कटता है.
प्रॉविडेंट फंड (PF)
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अगर किसी कंपनी ने अपने यहां पर 20 से ज्यादा कर्मचारियो को ले रखा है, तो उस कंपनी को EPF अधिनियम-1952 के तहत रिटायरमेंट लाभ के प्रोसेस को फॉलो करना जरूरी है. PF, बेसिक सैलरी का 12 पर्सेंट होता है, जो आप ही के PF अकाउंट में सब्मिट होता है. पीएफ में जितनी इनकम आपकी सैलरी से कटती है उतनी ही इनकम कंपनी अपनी तरफ से भी आपके पीएफ अकाउंट में जमा करती है. लेकिन आप अगर नौकरी बदलते हैं, तो आप इस PF को कभी भी निकाल सकते हैं.
मेडिकल अलाउंस
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Medical Allowance आपको मेडिकल कवर के रूप में मिलता है. इस सुविधा को आप तभी इस्तेमाल करते हैं, जब इसकी बेहद जरूरत पड़ती है. जैसे कि 21,000 रुपये तक की इनकम पर ESIC के लिए कुछ पैसा कटता है. कंपनी इस पैसे को तब काटता है, जब इसे एम्प्लॉई हैल्थ से जुड़ी कोई दिक्कतों के लिए इस्तेमाल करता है. पहले यह कटौती 15,000 रुपये तक थी.
TRENDING NOW
स्पेशल अलाउंस
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टार्गेट वेरिएबल पे या परफॉर्मेंस बोनस
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प्रोफेशनल टैक्स
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कंपनी आपकी सैलरी के मुताबिक Professional Tax's कटता है. सिटी वाइज ये अलग-अलग होते हैं. PT के तहत साल में अधिकतम 2,500 रुपये काटने का नियम है. प्रोफेशनल टैक्स राज्य कर है जबकि आयकर केंद्र सरकार की तरफ से लगाया जाता है. जो इम्प्लॉयर होता है वो ये इनकम काटकर राज्य सरकार को जमा करता है. आप इस कर का दावा कर सकते हैं.
ट्रैवल अलाउंस या वाहन भत्ता या यात्रा भत्ता
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बेसिक सैलरी
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हाउस रेंट अलाउंस
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HRA का मतलब होता है कर्मचारियों के रहने का खर्च. ये Basic Salary का 50% होता है. दरअसल आप अगर किराए के घर में रह रहे हैं और सालाना जितना भी किराया देते हैं उसमें आप Basic Salary का 10 पर्सेंट घटा दें. वो भी आपका HRA हो सकता है. कंपनी आपके केवल वो पैसा जमा करती है, जो इन दोनों में कम होता है. इसके अलावा आप जिस घर के किराए की पेमेंट करते हैं, उसके लिए Income Tax Act के नियमों के मुताबिक पूरे या फिर कम टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं.
लीव ट्रैवल भत्ता (LTA)
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