Retirement Planning: बुढ़ापे पर पेंशन की नो टेंशन...ये 5 स्कीम्स कराएंगी रेग्युलर इनकम
Written By: सुचिता मिश्रा
Thu, Mar 28, 2024 02:53 PM IST
आजकल लोग अपने फ्यूचर को लेकर काफी अलर्ट हैं. इस कारण अपनी मौजूदा लाइफ के साथ वो समय रहते रिटायरमेंट प्लानिंग भी कर लेते हैं, ताकि बुढ़ापे पर जब शारीरिक क्षमताएं कम हों, तो जमा पैसों से अपना गुजारा किया जा सके. लेकिन एक फिक्र फिर भी लोगों को सताती है और वो है बुढ़ापे पर रेग्युलर इनकम कैसे होगी? अगर आप भी इसको लेकर फिक्रमंद रहते हैं, तो अब टेंशन न लें क्योंकि ऐसी तमाम स्कीम्स हैं जो आपको घर बैठे कमाई करवा सकती हैं.
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इम्प्लॉई पेंशन स्कीम
सबसे पहले तो बात करते हैं ईपीएफओ की. अगर आप नौकरीपेशा हैं और हर महीने ईपीएफओ में कॉन्ट्रीब्यूशन करते हैं, तो आपको EPS (इम्प्लॉई पेंशन स्कीम) की सुविधा के बारे में पता होगा. EPFO प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद उनकी सोशल सिक्युरिटी के लिए यह पेंशन स्कीम चलाता है. अगर आपने लगातार 10 सालों तक ईपीएस में योगदान दिया है तो आप ईपीएफओ से पेंशन पाने के हकदार हो जाते हैं. ये पेंशन रिटायरमेंट की उम्र पर मिलती है और आपके कॉन्ट्रीब्यूशन की राशि पर निर्भर करती है.
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अटल पेंशन योजना
बुढ़ापे पर रेग्युलर इनकम का इंतजाम आप अटल पेंशन योजना के जरिए भी कर सकते हैं. इसमें 18 साल की उम्र से लेकर 40 साल से पहले तक रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है. इसमें व्यक्ति को हर महीने थोड़ा अंशदान 60 की उम्र पूरी होने तक देना होता है. 60 साल की उम्र के बाद लोगों को 1000 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक मासिक पेंशन का लाभ दिया जाता है. आप जितनी पेंशन बुढ़ापे पर लेना चाहते हैं, उसके हिसाब से आपकी अंशदान की राशि तय होती है. 18 से 40 वर्ष के लोग जो टैक्सपेयर नहीं हैं, वे इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं.
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नेशनल पेंशन सिस्टम
मंथली पेंशन पाने के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (Nation pension System) भी एक अच्छा विकल्प है. इस स्कीम में जमा राशि का अधिकांश हिस्सा मार्केट में लगा होता है, ऐसे में इस पर औसतन आपको 10 फीसदी का रिटर्न मिल जाता है. भारत का कोई भी नागरिक जिसकी उम्र 18 से 70 साल के बीच है, इस स्कीम का लाभ ले सकता है. पेंशन लेने के लिए आपको 60 साल की आयु तक निवेश करना होगा. हालांकि अगर खाताधारक को रिटायरमेंट के पहले ही इमरजेंसी फंड की आवश्यकता होती है, तो आप जमा राशि से 60% अमाउंट को निकाल सकते हैं. हालांकि इसमें 40 फीसदी हिस्सा एन्युटी के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. इसी से आपको पेंशन दी जाती है. एन्युटी की रकम जितनी ज्यादा होगी, आपको पेंशन उतनी ज्यादा मिलेगी.
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सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान
सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान (Systematic Withdrawal Plan) एक ऐसा इन्वेस्टमेंट है जिसके तहत निवेशक को म्यूचुअल फंड स्कीम से एक तय राशि मासिक रूप से मिलती है. इसके जरिए बुढ़ापे पर अच्छी खासी पेंशन का इंतजाम किया जा सकता है. लेकिन पहले आपको अपनी नौकरी के साथ SIP या किसी अन्य स्कीम के जरिए मोटा फंड जमा करना होगा. जब रिटायर हो जाएं तो आपको SWP का विकल्प चुनना होगा. SWP की राशि म्यूचुअल फंड यूनिट्स बिकने से आपको मिलती है. फंड खत्म हुआ तो SWP बंद हो जाएगा. आपको मंथली, तिमाही और सालाना कब पैसा चाहिए ये आपको तय करना होता है. अगर आप SIP नहीं कर पाए हैं तो रिटायरमेंट पर मिलने वाले फंड का भी इस्तेमाल इसके लिए कर सकते हैं. SWP एक्टिवेट करने के लिए आपको फोलियो नंबर, विद्ड्रॉल की फ्रीक्वेंसी, पहली निकासी की तारीख, पैसे प्राप्त करने वाले बैंक अकाउंट को बताते हुए एएमसी में इंस्ट्रक्शन स्लिप भरना होगा.
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