Drawback of PPF
पीपीएफ में इन्वेस्टमेंट की अधिकतम लिमिट 1.5 लाख रुपए सालाना है. अगर आपकी सैलरी काफी अच्छी है और आप इस स्कीम में ज्यादा इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं, तो आप नहीं कर सकते. ऐसे में आपको निवेश के दूसरे ऑप्शन तलाशने पड़ते हैं.
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लंबे समय से नहीं बदली ब्याज दर
अप्रैल 2019 से जून 2019 तक पीपीएफ की ब्याज दर 8 प्रतिशत थी, इसे बाद इसे घटाकर 7.9% किया गया. जनवरी-मार्च, 2020 में इसे 7.1% कर दिया गया और तब से आज तक ये 7.1 ही है. लंबे समय से इसे नहीं बदला गया. अगर आने वाले समय में ये ब्याज दर और कम हो जाती है, तो लोगों के पास इससे बेहतर रिटर्न देने वाले तमाम विकल्प मौजूद होंगे.
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लंबे समय का निवेश
पीपीएफ का एक नुकसान ये है कि ये निवेश काफी लंबे समय का होता है. इसमें लगातार 15 सालों तक आपको इन्वेस्टमेंट करना पड़ता है, उसके बाद आपकी रकम मैच्योर होती है. ऐसे में आपका पैसा लंबी अवधि के लिए फंस जाता है. लंबी अवधि के निवेश ही करना है तो पीपीएफ से बेहतर विकल्प म्यूचुअल फंड्स और एनपीएस को माना जा रहा है. ये मार्केट लिंक्ड होने के बावजूद लॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न देते हैं. एनपीएस के जरिए आप पेंशन का भी इंतजाम कर सकते हैं.
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