बस ये 5 काम कर लें, फिर जिस भी Bank में जाएंगे तुरंत मिलेगा Loan, बैंक मैनेजर ब्याज पर भी देगा तगड़ा डिस्काउंट!
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Wed, Jul 10, 2024 07:00 AM IST
जब भी आप लोन (Loan) लेने के लिए अप्लाई करते हैं तो सबसे पहले देखा जाता है कि आपका सिबिल स्कोर कितना है. इससे बैंकों को ये समझने में आसानी होती है कि आप उसका लोन समय से चुका भी पाएंगे या नहीं. अगर आपका स्कोर अच्छा है तो आपको लोन आसानी से और बेहतर ब्याज दर (Interest Rate) के साथ मिल सकता है. लेकिन अगर सिबिल स्कोर (CIBIL Score) ही गड़बड़ है, तो लोन मिलने में दिक्कत हो सकती है.
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पहले जानिए कितना सिबिल स्कोर होता है अच्छा?
सिबिल स्कोर 300 से लेकर 900 के बीच होता है. अगर आपका सिबिल 750 या उससे अधिक है तो इसे अच्छा माना जाता है. यह 900 के जितना करीब होगा, आपको लोन उतनी ही आसानी से मिलेगा और उस पर लगने वाले ब्याज पर भी आप खूब मोलभाव कर सकते हैं. अगर आपका सिबिल स्कोर 550 से 750 के बीच है, तो यह ठीक-ठाक माना जाता है. ऐसे में बैंक आपको लोन देने से ना-नुकुर कर सकते हैं और कुछ कोलेट्रल मांग सकते हैं. अगर आपका स्कोर 550 से भी कम है तो लोन भूल ही जाइए, क्योंकि इसे खराब माना जाता है और इस पर कोई बैंक लोन देने को तैयार नहीं होगा. आइए जानते हैं ऐसे 5 तरीके, जिनसे आप अपना सिबिल स्कोर बेहतर कर सकते हैं.
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1- समय से चुकाते रहें हर लोन की ईएमआई
सिबिल पर सबसे बड़ा असर होता है लोन डिफॉल्ट करने का. यहां तक कि अगर आप अपने लोन की एक-दो ईएमआई भी मिस करते हैं तो भी आपका सिबिल प्रभावित हो सकता है. इससे आपको लोन लेने में दिक्कत हो सकती है. लेकिन अगर आप सारी ईएमआई वक्त से चुकाते हैं तो आपका सिबिल अच्छा बना रहेगा और आपको लोन देने के लिए हर बैंक को आप पर पूरा भरोसा हगो जाएगा.
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2- बार-बार सिबिल की हार्ड इन्क्वायरी से बचें
कई बार लोग लोन लेने के लिए अलग-अलग बैंकों में अप्लाई करता है और जिस बैंक से उसे कम ब्याज दर पर लोन मिलता है, वहां से कर्ज ले लेता है. बता दें कि अगर आपने कई बैंकों में लोन का आवेदन किया है, तो हर बैंक की तरफ से आपका सिबिल स्कोर चेक किया जाएगा. जब कोई बैंक या NBFCs आपका क्रेडिट स्कोर चेक करते हैं तो इसे हार्ड इन्क्वायरी कहते हैं और इससे आपका सिबिल प्रभावित होता है.
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3- बार-बार ना बढवाएं क्रेडिट कार्ड की लिमिट
जब किसी को बैंक की तरफ से क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का ऑफर मिलता है तो वह काफी खुश होता है और तुरंत ऑफर ले लेता है. ध्यान रहे, क्रेडिट कार्ड एक तरह का कर्ज है तो अपने कर्ज की लिमिट को बिना वजह ना बढ़ाते जाए. कई बार तो लोग खुद से लिमिट बढ़ाने की रिक्वेस्ट करते हैं. अगर आपकी लिमिट ज्यादा होगी तो मुमकिन है कि आप उससे बहुत ज्यादा खरीदारी करेंगे या हो सकता है कई सारे प्रोडक्ट्स खरीदकर ईएमआई बनवा लेंगे. इससे सिबिल पर असर होगा और बैंक को ऐसा लगेगा कि आपके पास पर्याप्त पैसे नहीं है, इसलिए ही आप तमाम चीजें ईएमआई पर ले रहे हैं.
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4- क्रेडिट लिमिट का 30% तक ही करें इस्तेमाल
मान लीजिए कि आपके क्रेडिट कार्ड पर 1 लाख रुपये की लिमिट है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि आप हर महीने उस पर 1 लाख रुपये की शॉपिंग करते रहें. ऐसा करना आपके सिबिल को प्रभावित कर सकता है. क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 30 फीसदी से ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इस तरह अगर आपके कार्ड की लिमिट 1 लाख रुपये की है तो कोशिश करें कि उससे 30 हजार रुपये तक की ही शॉपिंग करें.
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