ध्यान रखें Financial Planning के ये 7 फॉर्मूले, आखों के सामने ही कई गुना बढ़ जाएंगे आपके पैसे!
Written By: अनुज मौर्या
Wed, Jun 12, 2024 10:32 AM IST
अगर आप अपनी कमाई को ध्यान में रखते हुए सही से फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) नहीं करते हैं तो आपको पैसों से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं. फाइनेंशियल प्लानिंग भी आपको अपने करियर की शुरुआत से ही शुरू कर देनी चाहिए. अगर ऐसा ना भी हो तो कम से कम करियर के बीच में तो इसे अच्छे से मैनेज करना शुरू ही कर देना चाहिए. आइए जानते हैं फाइनेंशियल प्लानिंग के 7 नियम, जिन्हें अगर आपने अपना लिया तो आपको जिंदगी में कभी पैसों की दिक्कत से नहीं जूझना पड़ेगा.
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1- सैलरी-बचत=खर्चा
आपका पहला नियम ये होना चाहिए कि जो आप कमाएंगे, पहले उसमें से एक हिस्सा बचाएंगे और फिर जो पैसा बचेगा, उससे अपने रोजमर्रा के खर्चे पूरे करेंगे. इसके लिए आपको पहले कुछ लक्ष्य तय करने होंगे और फिर उन्हीं के हिसाब से सेविंग शुरू कर देनी होगी. इसके बाद ये सुनिश्चित करें कि हर महीने आपकी सैलरी में से बचत का हिस्सा तय जगह पर पहुंच जाए. ध्यान रहे कि बचत के पैसों को सिर्फ जमा ना करें, बल्कि उसे अलग-अलग लक्ष्यों के हिसाब से कहीं इन्वेस्ट करें.
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2- 50-30-20 नियम
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3- 20-4-10 का नियम
ये नियम उस वक्त आपकी मदद करेगा, जब आप कोई कार खरीदने की सोच रहे हैं. यहां 20 का मतलब है कि कार की कीमत का करीब 20 फीसदी डाउन पेमेंट करें. हालांकि, ये उसी सूरत में करें, जब पैसे कम हों, वरना जितनी ज्यादा हो उतनी ज्यादा डाउन पेमेंट कर दें. यहां 4 का मतलब है कि इससे ज्यादा साल के लिए फाइनेंस ऑप्शन ना लें. वहीं 10 का मतलब है कि आपकी सैलरी का कितना फीसदी हिस्सा कार लोन की ईएमाई में जा सकता है.
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4- इंश्योरेंस जरूर लें
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5- होम लोन की ईएमआई का रखें ध्यान
आपकी होम लोन ईएमआई इनहैंड सैलरी के 30 फीसदी हिस्से से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. अगर पति-पत्नी दोनों ही पैसे कमाते हैं तो इसे आसानी से आप सैलरी के 50-60 फीसदी तक ले जा सकते हैं. होम लोन की अवधि जितनी कम रहेगी, आपको ब्याज उतना ही कम चुकाना होगा, लेकिन इससे ईएमआई का बोझ बढ़ता है. तो लोन लेते वक्त ब्याज कम चुकाने की जरूर सोचें, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि कहीं आप पर अतिरिक्त बोझ ना पड़ जाए.
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6- रिस्की इन्वेस्टमेंट को करें डायवर्सिफाई
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