आज के समय में उच्च शिक्षा की पढ़ाई काफी महंगी है. चाहे आप भारत में पढ़ें या विदेश में, आपको मोटी फीस चुकानी होती है. हालांकि, कुछ स्कॉलरशिप या फंड मौजूद तो हैं लेकिन अधिकांश छात्र इसे नहीं ले पाते हैं. ऐसे में उनके पास उच्च शिक्षा पाने का एक विकल्प है एजुकेशन लोन यानी शिक्षा ऋण. अगर आप भी उन उम्मीदवारों में हैं जो उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन लेना चाहते हैं और इसके लिए अप्लाई करने की तैयारी में हैं तो आप यहां कुछ बातों को ध्यान में रखेंगे तो आपको काफी सुविधा होगी.

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समय रहते पहले अप्लाई करें

शिक्षा ऋण मिलने की प्रक्रिया में थोड़ा समय लगता है. इसकी मुख्य वजह है दस्तावेज संबंधी काम में समय लगना. इसमें अनुमति मिलने से लेकर बैंक से पैसे मिलने तक की प्रक्रिया लंबी है. अपने मनपसंद संस्थान में एडमिशन होने तक का इंतजार नहीं करना चाहिए, बल्कि ऋण के लिए पहले ही अप्लाई कर देने में समझदारी है. इससे आप अंतिम समय में परेशानी से बच सकेंगे.

लोन पाने की योग्यता परखें

आपने एक परीक्षा पास कर ली और अब आगे उच्च शिक्षा के लिए किसी संस्थान में एडमिशन कराना चाहते हैं. इससे पहले यह पता करें कि जिस कोर्स में और जिस संस्थान में आप नामांकन लेना चाहते हैं, उसके लिए बैंक या वित्तीय संस्थान लोन ऑफर करते भी हैं या नहीं. 

लोन पर ब्याज की तुलना करें

डीएनए की खबर के मुताबिक, जब आप शिक्षा ऋण ले रहे हैं तो इससे पहले इसकी लागत पर जरूर गौर करें. ब्याज दर कितना है? लोन की प्रीपेमेंट पर पेनाल्टी कितनी है? इन बिुंदुओं की समीक्षा करें तभी फैसला लें. इससे आपको आगे मासिक किस्त चुकाने में राहत मिल सकती है. अगर आप महिला हैं, दिव्यांग हैं या कुछ खास स्थिति है तो इन सब के लिए मौजूद विशेष सुविधाओं की जानकारी लें. आपको ब्याज में राहत मिल सकती है. आपका जो एजुकेशन लोन है वह आयकर की धारा 80ई के तहत आपको टैक्स छूट का लाभ प्रदान करता है.

लोन दस्तावेज को ध्यान से पढ़ें

बचपन से यह सिखाया गया है कि किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर उसे अच्छी तरह पढ़कर समझने के बाद ही करें. एजुकेशन लोन के मामले में भी यही बात लागू होती है. अधिकांश लोग लोन के दस्तावेज को पढ़ने से टालमटोल कर जाते हैं. इसके बावजूद आपको कम से कम ब्याज दर, प्रीपेमेंट पेनाल्टी, पेमेंट स्ट्रक्टचर, शर्तें आदि को ध्यान से अवश्य पढ़ लें.