ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर RBI ने कही ये बड़ी बात, बताया राज्यों के लिए क्यों सही नहीं है OPS
RBI on Old Pension Scheme: आरबीआई ने राज्यों को पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को फिर से लागू करने को लेकर चेताया है. आरबीआई ने कहा कि इससे राज्यों की देनदारी बढ़ जाएगी.
RBI on Old Pension Scheme: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कुछ राज्यों में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू किये जाने को लेकर आगाह किया है. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इससे राज्यों के लिए यह बड़ा जोखिम है क्योंकि इससे आने वाले साल में उनके देनदारी में इजाफा हो जाएगा और इसे चुकाने के लिए पैसों की व्यवस्था नहीं है. RBI ने 'राज्य वित्तः 2022-23 के बजट का अध्ययन' शीर्षक से अपनी रिपोर्ट में यह बात ऐसे समय कही है जब हाल ही में हिमाचल प्रदेश ने महंगाई भत्ते से जुड़ी पुरानी पेंशन योजना (OPS) फिर से लागू करने की घोषणा की है.
इन राज्यों में लागू हो चुकी है ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS)
हिमाचल प्रदेश के पहले पहले राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड ने केंद्र सरकार तथा पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) को OPS बहाल करने के अपने निर्णय के बारे में जानकारी दी थी. पंजाब सरकार ने भी राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिये OPS लागू करने के संदर्भ में 18 नवंबर, 2022 को अधिसूचना जारी की थी. ये कर्मचारी अभी नई पेंशन प्रणाली (NPS) से जुड़े हैं.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
क्या है नेशनल पेंशन स्कीम (NPS)
एक जनवरी, 2004 से लागू नई पेंशन प्रणाली (NPS) अंशदान आधारित पेंशन योजना है. इसमें कर्मचारी के साथ-साथ सरकार भी अंशदान देती है. वहीं पुरानी पेंशन व्यवस्था में कर्मचारियों की पेंशन सेवानिवृत्ति से पहले लिये गये अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत होती है और यह पूरी राशि सरकार की तरफ से दी जाती थी.
ओल्ड पेंशन स्कीम से राज्यों की देनदारी बढ़ेगी
आरबीआई रिपोर्ट के अनुसार, "कुछ राज्य पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की बात कर रहे हैं. इससे राज्यों के स्तर पर राजकोष के परिदृश्य को लेकर एक बड़ा जोखिम मंडरा रहा है...."
इसके अनुसार, वर्तमान खर्चों को भविष्य के लिये स्थगित करके राज्य आने वाले वर्षों में पेंशन मद में ऐसी देनदारी पैदा करेंगे, जिसके लिये वित्त की व्यवस्था नहीं है. कई अर्थशास्त्रियों ने भी पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से लागू करने को लेकर चिंता जतायी है. उनका कहना है कि इससे राज्यों के वित्त पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. पूर्ववर्ती योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने हाल ही में कहा था कि ओपीएस को फिर से लाना बड़ी रेवड़ी होगी.
RBI रिपोर्ट के अनुसार, राज्यों ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिये बजट में राजस्व खर्च में वृद्धि की है. इन खर्चों में मुख्य रूप से पेंशन और प्रशासनिक सेवाओं जैसे गैर-विकासात्मक खर्च शामिल है. वहीं दूसरी तरफ चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य तथा प्राकृतिक आपदाओं के लिये बजट घटाया गया है. आवास क्षेत्र के लिये प्रावधान बढ़ाये गये हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, ब्याज भुगतान, प्रशासनिक सेवाओं पर खर्च और पेंशन मद में व्यय 2021-22 के संशोधित अनुमान से कुछ अधिक रहने का अनुमान है.