ONORC scheme: पांच राज्यों में 48 प्रतिशत लाभार्थी ही राशन कार्ड ‘पोर्टेबिलिटी’ के बारे में जागरूक, रिपोर्ट में सामने आई कई बातें
ONORC scheme: NFSA के तहत ओएनओआरसी योजना के जरिये राशन कार्ड रखने वाले लाभार्थी देश में किसी भी दुकान से उचित मूल्य पर अपने मासिक कोटे का खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि, पोर्टेबिलिटी का उपयोग करने वाले लगभग 88 प्रतिशत परिवार अपना राशन लेने में सफल रहे.
सामाजिक प्रभाव सलाहकार समूह ‘डलबर्ग’ ने अध्ययन के आधार पर यह रिपोर्ट जारी की है. (फोटो: twitter.com/DalbergTweet)
सामाजिक प्रभाव सलाहकार समूह ‘डलबर्ग’ ने अध्ययन के आधार पर यह रिपोर्ट जारी की है. (फोटो: twitter.com/DalbergTweet)
ONORC scheme: उत्तर प्रदेश समेत देश के पांच राज्यों में सिर्फ 48 प्रतिशत लाभार्थी ही राशन कार्ड ‘पोर्टेबिलिटी’ के बारे में जागरूक है. मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, लाभार्थियों के बीच राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी के बारे में ज्यादा जागरूकता फैलाने की जरूरत है. जिससे ‘एक देश एक राशन कार्ड’ (ONORC) स्कीम को ज्यादा समावेशी बनाया जा सके. सामाजिक प्रभाव सलाहकार समूह ‘डलबर्ग’ ने आंध्र प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में किये गए अध्ययन के आधार पर यह रिपोर्ट जारी की है.
The One Nation One Ration Card scheme set out to reform #India's vast Public Distribution System. Two years in, does the impact match the ambition?
— Dalberg (@DalbergTweet) April 5, 2022
W/ support from @on_india, #Dalberg examined the experiences of #ONOROC's stakeholders. Here's our report: https://t.co/8ctEGG15b4 pic.twitter.com/JmeL1NDF6d
31 फीसदी लाभार्थी आंशिक रूप से जागरूक
रिपोर्ट के मुताबिक, इन पांच राज्यों में 31 फीसदी लाभार्थी आंशिक रूप से ओएनओआरसी योजना के बारे जागरूक हैं जबकि 20 प्रतिशत लाभार्थी इस योजना के बारे में बहुत ही कम जानते हैं. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत ओएनओआरसी योजना के जरिये राशन कार्ड रखने वाले लाभार्थी देश में किसी भी दुकान से उचित मूल्य पर अपने मासिक कोटे का खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि, पोर्टेबिलिटी का उपयोग करने वाले लगभग 88 प्रतिशत परिवार अपना राशन लेने में सफल रहे, जबकि चार प्रतिशत राशन नहीं ले सकें. वही लेनदेन के विफल होने के कारण 12 प्रतिशत लाभार्थी इस योजना के तहत खाद्यान नहीं खरीद सके. रिपोर्ट में पाया गया कि प्रौद्योगिकी से संबंधित विफलताएं और सार्वजनिक वितरण प्रणाली डीलरों का स्टॉक खत्म होने का डर विफलता के सबसे सामान्य कारणों में से एक था.
07:44 PM IST