आपने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ली हुई है. और आपको अपनी किसी बीमारी का इलाज करवाना है. एक ही बीमारी के लिए तमाम अस्पताल अलग-अलग फीस चार्ज करते हैं. इससे मरीज को हमेशा यह भ्रम की स्थित बनी रहती है कि कहां इलाज करना सही है और कहां नहीं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अस्पताल को अलग-अलग बीमा कंपनियों (Health Insurance) के साथ अपने इलाज की दरें एकसमान रखनी होंगी. 

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बीमा नियामक (IRDAI) के मुताबिक, ऐसे नियम बनाए जा रहे हैं कि खास बीमारियों के लिए सभी हॉस्पिटलों को इलाज की फीस भी एक समान हो. अलग-अलग दरें होने पर इंश्योरेंस होने के बाद भी हॉस्पिटल मरीजों से अलग-अलग फीस वसूलते हैं. 

IRDAI के नए प्रस्ताव को ज्यादातर बीमा कंपनियों और टीपीए ने मान भी लिया है. 

एक बीमारी-एक फीस

एक बीमारी-एक फीस के नियमों से आम लोगों को काफी फायदा होगा. इस नियम से अस्पताल जो फालतू के चार्ज वसूलते हैं, उन पर रोक लगेगी. हर साल हॉस्पिटल अपने इलाज की दरों को 10-15 फीसदी तक बढ़ाता है. इससे मरीजों की जेब पर सीधा असर पड़ता है. 

इन इलाज की दर होगी एक

IRDAI के मुताबिक, हॉस्पिटलों में मोतियाबिंद, हर्निया, पथरी, किडनी ट्रांसप्लांट की दरें अब एक ही होंगी. इससे इंश्योरेंस कंपनियों को यह पता होगा कि हॉस्पिटल में किसी बीमारी विशेष के इलाज पर कितना खर्च आएगा और मरीज को भी इलाज के खर्चे के बारे में पता होगा. मरीजों को ओवर चार्जिंग का पैसा अलग से देना नहीं होगा.