New Wage code latest news: लंबा वक्त निकल गया सिर्फ इस चर्चा में कि न्यू वेज कोड यानि नए श्रम कानून कब लागू होंगे. लेकिन, अब वक्त आ रहा है. तेजी से काम चल रहा है. इंडस्ट्री की भी सहमति बन गई है. राज्यों के ड्राफ्ट्स भी करीब-करीब तैयार हैं. अगले दो दिन में ये तय हो जाएगा कि इसे लागू करने में राज्य अपना रोल कैसे निभाएंगे. 1 अक्टूबर 2022, उम्मीद है केंद्र सरकार इसे अमली जामा पहनाकर कागजों के बजाए हकीकत बना सकती है. आपके, मेरे और लाखों-करोड़ों कर्मचारियों के लिए ये काफी अहम है. क्योंकि, सारा मामला आपकी नौकरी, सैलरी, रिटायरमेंट और सेहत से जुड़ा है. नए श्रम कानून में कई तरह के बदलाव की बात की गई है. आइये समझते हैं कि क्या-क्या होने वाला है?

न्यू वेज कोड से आपके जीवन में क्या कुछ होने वाला है?

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सैलरी बदल जाएगी, छुट्टियां बढ़ जाएगी, शिफ्ट टाइम ज्यादा होगा और भी बहुत कुछ... सबसे खास ध्यान सैलरी की तरफ है. आपकी सैलरी स्ट्रक्चर (Salary Structure) में कितना बदलाव होगा? बेसिक सैलरी (Basic Salary) का कंपोनेंट कुल सैलरी मतलब CTC का 50% होगा. भत्तों (Allowances) की मोटी रकम कम हो जाएगी. टेक होम सैलरी (Take home salary) घटेगी. लेकिन, क्या इसमें सिर्फ नुकसान दिखाई दे रहा है. तो हम आपको बताएंगे कहां और कैसे आपको इसमें फायदा भी देखना चाहिए.

New Wage Code में बेसिक सैलरी बढ़ने जा रही है

29 श्रम कानूनों (Labour law) को जोड़कर 4 कोड्स (new Labour codes) तैयार किए गए हैं. न्यू वेज कोड के नाम से इनकी पहचान बनी है. न्यू वेज कोड में प्रावधान है कि कंपनियां अपने कर्मचारियों को जो सैलरी देंगी, उसमें बेसिक सैलरी का हिस्सा कुल सैलरी (CTC) के 50 फीसदी होगा. अभी तक कंपनियां बेसिक सैलरी पार्ट कम रखती हैं और रीइंबर्समेंट-अलाउंस वाला हिस्सा ज्यादा रखती हैं. इनमें लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA), ओवरटाइम और कन्वियांस (Conveyance allowance)  जैसे भत्ते शामिल होता हैं. न्यू वेज कोड के लागू होने पर सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव होगा. हालांकि, ये कब से लागू होगा, अभी इसकी तारीख तय नहीं की गई है.

न्यू वेज कोड की तारीख का इंतजार

न्यू वेज कोड अभी लागू नहीं हुआ है, इसका मतलब ये नहीं कि कभी लागू नहीं होगा. जानकारी के लिए बता दें, इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है. मतलब ये कानून बन चुका है. इसलिए ये लागू तो होगा. कब अभी तारीख निश्चित नहीं की गई है. लेकिन, आपके लिए बदलाव क्या होंगे वो जरूर समझिए...

- आपकी सैलरी वही होगी, उसमें कोई बदलाव नहीं होगा. बस सैलरी स्ट्रक्चर या यू कहें सैलरी स्लिप में कुछ फिगर्स को कम-ज्यादा कर दिया जाएगा. 

- बेसिक सैलरी कंपोनेंट 50% से कम होगा तो वो बढ़कर 50% या उससे ज्यादा हो जाएगा. अगर आपकी बेसिक सैलरी कुल सैलरी की 50% है तो यकीन मानिए कोई बदलाव नहीं होगा.

New Wage Code में आपको क्या-क्या फायदे होंगे?

इनकम टैक्स: ऊपर हमने बताया कि न्यू वेज कोड लागू होने के बाद आपके प्रोविडेंट फंड का हिस्सा ज्यदा होगा. मतलब ज्यादा पैसा उसमें जमा होगा. ज्यादा इन्वेस्टमेंट होगी तो टैक्स सेविंग्स भी ज्यादा होंगी. हालांकि, ध्यान रखने वाली चीज है कि प्रोविडेंट फंड में एक वित्तीय वर्ष में 2.50 लाख रुपए से ज्यादा पैसा जमा होने पर उसके ऊपर की रकम पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आएगा.

बैंक लोन पर असर: ये बात काफी कम लोग जानते हैं कि लोन के लिए अप्लाई करते वक्त बैंक आपकी इन हैंड सैलरी नहीं बल्कि बेसिक सैलरी देखता है. ऐसे में बेसिक सैलरी बढ़ने से आपको लोन मिलने के चांस भी बढ़ जाएंगे. जितनी ज्यादा बेसिक सैलरी, उतनी आसान किस्तों पर लोन मिलने की संभावना. 

जॉब बदलने पर क्या होगा: नौकरी छोड़ने पर अक्सर लोग आपकी CTC पूछते हैं. लेकिन, जब भी नई कंपनी का HR आपकी सैलरी पर बात करेगा तो वह भी बेसिक सैलरी के आधार पर पूरा स्ट्रक्चर तैयार करता है. अगर नई कंपनी का ध्यान आपकी बेसिक सैलरी पर जाता है तो बढ़ी हुई बेसिक सैलरी पर नया हाइक मिलेगा. मतलब इसमें भी आपका फायदा है.

प्रोविडेंट फंड (EPF): सैलरी से प्रोविडेंट फंड (EPF) कटता है उसका कैलकुलेशन बेसिक सैलरी पर होता है. बेसिक सैलरी का 12% EPF में जाता है. इतना ही हिस्सा कंपनी की तरफ से भी जमा होता है. नए सैलरी स्ट्रक्चर में बेसिक बढ़ने से आपका और कंपनी का कॉन्ट्रिब्यूशन भी बढ़ जाएगा. उदाहरण के तौर पर- आपकी सैलरी 40,000 रुपए है, जिसकी बेसिक 15,000 रुपए है. नए स्ट्रक्चर में बेसिक बढ़कर 20,000 रुपए हो जाएगी. मतलब पहले एक हिस्से से 1800 रुपए PF में जमा होता था, वहीं अब कम से कम 2,400 रुपए जमा होगा. 600+600 रुपए दोनों साइड से बढ़ जाएंगे. सालाना जमा पूंजी पर ब्याज भी मिलेगा, मतलब आपके रिटायरमेंट पर पेंशन का पैसा (pension corpus) काफी ज्यादा होगा.

ग्रेच्युटी: ग्रेच्युटी एक लॉन्ग टर्म बेनिफिट प्लान है. किसी कंपनी में 5 साल लगातार काम करने वाले एम्प्लॉई को मिलती है. इसकी कैलकुलेशन भी Basic Salary पर होती है. नए Wage Code के लागू होने पर नियोक्ता (Employer) को इसके लिए भी ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे. कर्मचारी को ग्रेच्युटी के रूप में ज्यादा रकम मिलेगी.

न्यू वेज कोड लागू होने पर किस पर क्या असर होगा?

न्यू वेज कोड (New Wage code) लागू होने से सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव कंपनियों पर भी इम्पैक्ट डालेगा, उन्हें ज्यादा EPF भरना पड़ेगा. ग्रेच्युटी भी ज्यादा देनी होगी. वहीं, सरकार को टैक्स के रूप में ज्यादा पैसा मिलेगा. इससे उसे फायदा होगा. अगर कंपनी सैलरी स्ट्रक्चर बदलती है तो आपकी CTC बढ़ सकती है. टेक होम सैलरी को वही रखने के लिए कंपनी इसमें बदलाव नहीं करेगी.