New wage code implementation date latest news: नए वेज कोड का इंतजार काफी लंबे अरसे से हो रहा है. कई बार डेडलाइन और गई. इंतजार इस बात का है कि आखिर नए कोड्स में क्या छुपा है? क्योंकि, कई तरह के अलग-अलग अपडेट्स लगातार चलते रहे हैं. ताजा मामला संसद में था. जब मॉनसून सत्र के दौरान केंद्रीय श्रम राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने बताया कि राज्यों की तरफ से मिलने वाले ड्राफ्ट्स की क्या स्थिति है. वहीं, किस राज्य ने किस कोड के लिए ड्राफ्ट भेजे हैं. लेकिन, लागू होने की तारीख क्या तय कर दी गई है? इसको लेकर भी कन्फ्यूजन है. फिर भी इंतजार सबको है. 

1 अक्टूबर 2022 से इस तरह लागू करने की प्लानिंग

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श्रम राज्य मंत्री रामेश्वर तेली के मुताबिक, अभी कोई डेडलाइन निर्धारित नहीं है. लेकिन, जल्द से जल्द इसे लागू करने की कोशिश है. रामेश्वर तेली ने लोकसभा में लिखित सवालों के जवाब में कहा कि अभी कई राज्यों की तरफ से अलग-अलग कोड्स पर कमेंट्स नहीं मिले हैं. राज्यों की तरफ से देरी के चलते इन्हें तत्काल लागू किया जाएगा. वहीं, श्रम मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि 1 अक्टूबर 2022 से फेज मैनर यानि सिलसिलेवार ढंग से इन्हें लागू करने की प्लानिंग है.

श्रम कानूनों को लागू करने से पहले समझिए क्या है ताजा अपडेट?

ज्यादातर राज्यों से चारों लेबर कोड पर ड्ऱाफ्ट्स रूल मिल चुके हैं. लेकिन, नए नियमों को उचित समय पर लागू किया जाएगा. सूत्रों की मानें तो जितने ड्राफ्ट्स तैयार हुए हैं, उनके आधार पर अलग-अलग कोड को सिलसिलेवार ढंग से लागू किया जाएगा. The Code on Wages, 2019 पर 31 राज्यों ने अपने ड्राफ्ट्स भेज दिए हैं. वहीं, The Industrial Relations Code, 2020 पर 26 राज्यों की तरफ से कमेंट मिल चुके हैं. The Code on Social Security, 2020 पर 25 राज्यों ने ड्राफ्ट्स भेजे हैं. वहीं, The Occupational Safety Health and working Conditions Code, 2020 पर सिर्फ 24 राज्यों की तरफ से ड्राफ्ट मिले हैं. 

राज्यों को तय करनी होगी अंतिम डेडलाइन, केंद्र तैयार

श्रम मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो न्यू वेज कोड को 1 अक्टूबर से लागू किया जा सकता है. लेकिन, इस पर फैसला भी तब होगा जब राज्यों की तरफ से चारों कोड्स पर ड्राफ्ट्स मिल जाएं. हालांकि, कोड्स को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा सकता है. केंद्र सरकार 1 अक्टूबर 2022 से पहले ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी कर सकती है. 1 अक्टूबर 2022 से कोड्स को लागू माना जाएगा. राज्यों को इस मामले में ढ़ील दी जा सकती है कि वो अपने हिसाब से कोड्स को लागू करें. लेकिन, चारों कोड्स की अंतिम डेडलाइन तय करनी होगी. इसके बाद अंतिम डेडलाइन तक सभी कोड्स को लागू करना होगा. इसके लिए राज्यों को 1 साल का वक्त दिया जा सकता है.

छुट्टियां, काम का समय और दिन के नियम बदलेंगे

29 केंद्रीय लेबर कानूनों को मिलाकर 4 नए कोड (New Wages Code) बनाए गए हैं. इनमें इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, कोड ऑन ऑक्‍यूपेशनल सेफ्टी, हेल्‍थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड (OSH), सोशल सिक्‍योरिटी कोड और कोड ऑन वेजेज शामिल हैं. लेकिन, सबसे बड़ा बदलाव ‘वेज’ की परिभाषा का है. इसमें विस्तार किया गया है. नए लेबर कोड में सैलरी का 50 फीसदी सीधे तौर पर वेजेज में शामिल होगा. EPFO बोर्ड मेंबर और भारतीय मजदूर संघ के जनरल सेक्रेटरी विरजेश उपाध्याय के मुताबिक, कर्मचारियों के लिए सोशल सिक्योरिटी (Social Security) काफी अहम है. इसमें कई अहम पहलू हैं. कर्मचारियों के काम के घंटे, सालाना छुट्टियां, पेंशन, PF, टेक होम सैलरी, रिटायरमेंट जैसे अहम मुद्दे पर नियमों में बदलाव होना है. 48 घंटे से ज्यादा काम कराने पर रोक होगी. मतलब हर हफ्ते सिर्फ 48 घंटे काम होगा.