SIP के चलते क्या घट रही है लग्जरी कारों की बिक्री? Twitter पर आ रहे हैं ऐसे कमेंट
SIP Investment Vs Mercedez-Benz: म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के बढ़ते इनफ्लो के बीच एक बयान काफी चर्चा में है. इस बयान को एक लाइन में समझें, तो इसमें कहा गया कि SIP में लगातार निवेश बढ़ने के चलते लग्जरी कारों की बिक्री घट रही है.
SIP Investment Vs Mercedez-Benz: म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के बढ़ते इनफ्लो के बीच एक बयान काफी चर्चा में है. इस बयान को एक लाइन में समझें, तो इसमें कहा गया कि SIP में लगातार निवेश बढ़ने के चलते लग्जरी कारों की बिक्री घट रही है. रिटेल निवेशकों की ओर से लगातार बढ़ रहे निवेश के दम पर भारतीय बाजार ग्लोबल अनिश्चितता के दौर भी रोज नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. अब यहां असल सवाल यह है कि क्या वाकई एसआईपी के चलते लग्जरी कारों की ब्रिकी पर असर पड़ रहा है? इस बयान के बाद फाइनेंशियल मार्केट के जानकार और एक्सपर्ट नए तरह के सवाल भी खड़े कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी बाजार की समझ रखने वाले लोग SIP इनफ्लो और लग्जरी कारों की बिक्री के मैट्रिक्स पर कमेंट कर रहे हैं.
पहले जानते हैं बयान
दरअसल, मर्सडीज बेंज इंडिया के सेल्स एंड मार्केटिंग हेड संतोष अय्यर ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहा, ''सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) हमारे सबसे बड़े प्रतिद्वंदी हैं. मैं अपने टीम मेम्बर्स से कहता हूं कि अगर आपने SIP के निवेश के साइकिल को तोड़ दिया तो इससे हमें जबरदस्त फायदा होगा.'' संतोष अय्यर के मुताबिक, पश्चिमी देशों के मुकाबले भारत में सेविंग्स को लेकर लोगों का रूझान ज्यादा है. सोशल सिक्योरिटी के अभाव में लोग अपने लिए और बच्चों के लिए निवेश और बचत करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई लग्जरी कार खरीदने वाला, संभावित कस्टमर जो 50,000 रुपये SIP निवेश के जरिए बचत कर रहा, अगर उस सेविंग्स को लग्जरी कार मार्केट की ओर मोड़ दिया जाए, तो इससे लग्जरी कार इंडस्ट्री को जबरदस्त फायदा होगा.
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय म्यूचुअल फंड्स में करीब 5.93 करोड़ SIP अकाउंट हैं. अक्टूबर 2022 में एसआईपी इनफ्लो 13,000 करोड़ रुपये के पार चला गया. शेयर बाजार में वॉलेटिलिटी के बावजूद अप्रैल-अक्टूबर 2022 के दौरान करीब 1.42 करोड़ नए एसआईपी अकाउंट खुले.
सोशल मीडिया पर आने लगे कमेंट्स
मर्सडीज बेंच इंडिया के आला अधिकारी के बयान के बाद ट्वीटर पर फाइनेंशियल मार्केट के जानकार अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. जेआरएल मनी के को-फाउंडर, चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट और मेंटर विजय मंत्री कहते हैं, ''कभी नहीं सोचा था कि मैं यह दिन देखूंगा! SIP को पॉपुलर बनाने के लिए AMCs और MFDs और मीडिया को बहुत-बहुत बधाई!'' मंत्री आगे लिखते हैं, ''जो रिपोर्ट में नहीं लिखा गया उसे पढ़ना चाहिए. साथ ही इससे पता चलता है कि एसआईपी निवेशक अगर एसआईपी नहीं कर रहे थे, तो वे मर्सडीज खरीद सकते हैं. बीमा और बैंक एफडी से मर्सडीज की की बिक्री पर असर नहीं पड़ा.''
क्रिडेंस वेल्थ एडवाइजर्स (CWA) के फाउंडर किर्तन ए शाह ने ट्वीट कर कहा, ''SIP कितना पॉपुलर हो गया है? मर्सडीज बेंच इसे मार्केटिंग टूल के रूप में इस्तेमाल कर रही है.'' वो लिखते हैं, ''यह 50 हजार मंथली एसआईपी करने वाले निवेश के लिए बेकार की बात है कि वो 50 हजार EMI वाली कार खरीदे, जिसकी अगले पांच साल में कीमत एक चौथाई हो जाएगी.''
रिटेल निवेशकों से बाजार को बूस्ट
साल 2020 में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन और बाजारों में आई भारी गिरावट के बावजूद रिटेल निवेशकों ने अपने दम पर बाजार को बूस्ट दिया. म्यूचुअल फंड में रिटेल निवेशकों ने ताबड़तोड़ निवेश करना शुरू कर दिया. 31 मार्च 2020 तक देश में जहां केवल 4 करोड़ डीमैट अकाउंट थे उसकी संख्या बढ़कर 10 करोड़ के पार जा पहुंच गई. लॉकडाउन के बाद से लेकर अब तक 6 करोड़ से ज्यादा डीमैट अकाउंट खुले हैं.
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