SIP Calculation: म्‍यूचुअल फंड SIP निवेश का एक ऐसा ऑप्‍शन है, जिसके जरिए आप रेग्‍युलर स्‍माल सेविंग्‍स से भी इक्विटी जैसा रिटर्न हासिल कर सकते हैं. आप अपनी छोटी-मोटी बचत को अगर हर महीने निवेश की आदत बना लें, तो आप अगले कुछ सालों में लाखों रुपये का फंड आसानी से बना सकते हैं. इस समय दुनियाभर में बढ़ती ब्‍याज दरों के बीच शेयर बाजारों में भारी उथल-पुथल देखने को मिल रही है. इस उतार-चढ़ाव के बावजूद म्‍यूचुअल फंड निवेशकों का भरोसा बना हुआ है. AMFI के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर 2022 में SIP के जरिए रिकॉर्ड 12,976 करोड़ रुपये का निवेश म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम्‍स में हुआ. साथ ही साथ SIP अकाउंट्स की संख्‍या भी बढ़कर 5.84 करोड़ को पार कर गई है. एक्‍सपर्ट का मानना है कि रिटेल निवेशकों को इंडिया की ग्रोथ स्‍टोरी पर मजबूत भरोसा है और इसलिए वो वोलैटिलिटी में घबरा नहीं रहे हैं.

₹5,000 मंथली SIP से 11 लाख का फंड

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म्‍यूचुअल फंड निवेशक सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए जमकर पैसा लगा रहे हैं. इसी का नतीजा है कि बाजार में भारी उठापटक के बावजूद सितंबर 2022 में SIP के जरिए रिकॉर्ड 12,976 करोड़ रुपये का निवेश म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम्‍स में हुआ. लंबी अवधि के नजरिए SIP से निवेशकों को कम्‍पाउंडिंग का जबरदस्‍त फायदा होता है.

मान लीजिए, एक निवेशक 5,000 मंथली SIP करता है. उसने 10 साल का नजरिए रखा है. SIP का लॉन्‍ग टर्म का निवेश देखें, तो कई स्‍कीम्‍स का रिटर्न औसतन 12 फीसदी सालाना या या इससे ज्‍यादा रहा है. SIP कैलकुलेटर के मुताबिक, हर म‍हीने 5,000 निवेश करते हैं और सालाना रिटर्न 12 फीसदी भी मिलता है, तो अगले 10 साल में 11.62 लाख रुपये का फंड आसानी से बन जाएगा. इसमें निवेशक कुल निवेश 6 लाख रुपये होगा, जबकि अनुमानित वेल्‍थ गेन 5.62 लाख रुपये का होगा. 

SIP: क्‍या है एक्‍सपर्ट की राय

एडलवाइज एसेट मैनेजमेंट कंपनी (EAML) के हेड (सेल्‍स) दीपक जैन के मुताबिक, भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का प्रदर्शन अच्‍छा है. इसके साथ हमारी कंपनियां की परफॉर्मेंस भी बेहतर है और इसलिए लंबी अवधि में घरेलू इक्विटी में मजबूत रिटर्न मिल सकता है. 'SIP निवेशकों का अगर नजरिया 10 साल से ज्‍यादा का है, तो उन्‍हें मिडकैप फंड में निवेश करना चाहिए. वहीं, अगर उनका नजरिए 5-10 साल का है, तो लॉर्ज एंड मिडकैप फंड्स बेहतर ऑप्‍शन हो सकते हैं. इसके अलावा, एकमुश्‍त निवेश करने वाले एग्रेसिव हाइब्रिड या बैलेंस्‍ड एडवांटेज फंड्स में पैसा लगा सकते हैं. 

BPN फिनकैप के डायरेक्‍टर एके निगम का कहना है कि रिटेल इन्‍वेस्‍टर अब मैच्‍योर हो गया है. वो इक्विटी के कैरेक्‍टर को समझ रहा है. मार्केट में उतार-चढ़ाव पर अब वो घबरा नहीं रहा है. इंडिया की ग्रोथ स्‍टोरी पर उनका भरोसा बना हुआ है. ग्‍लोबल लेवल पर अनिश्चितता के बावजूद पूरी दुनिया में ग्रोथ रेट देखें, तो भारत अभी भी आगे है. इसलिए रिटेल सेगमेंट में पैसा आ रहा है. आगे भी इक्विटी को लेकर रिटेल सेगमेंट का अब कंट्रीब्‍यूशन बना रहेगा. SIP को लेकर अब निवेशकों में अवेयरनेस भी बढ़ी है. उनको अब ये मालूम है कि बाजार की अनिश्चितता शॉर्ट टर्म के लिए है. थोड़े समय बाद फिर से हालात बेहतर होंगे.  

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें)