Power of compounding: अगर आपको अपने और परिवार के लिए वेल्थ जेनरेट करना है तो लंबी अवधि के लिए निवेश की आदत डालनी होगी. फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स की सलाह होती है कि SIP की मदद से इस काम को आसानी से किया जा सकता है. सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान की सबसे बड़ी खासियत कम्पाउंडिंग बेनिफिट्स है. आप हर महीने कितना जमा करते  हैं, उससे कहीं ज्यादा यह महत्वपूर्ण है कि कितनी अवधि के लिए SIP को जारी रखा जाता है. निवेश जितना लंबा होगा, रिटर्न उतना मोटा होगा.

Power of compounding

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वैल्यु रिसर्च की तरफ से एक डेटा शेयर किया गया है, जिसके आधार पर Power of compounding की अहमियत और फायदे को उदाहरण समेत बताया गया है. इस डेटा के मुताबिक, हर महीने अगर SIP अमाउंट को आधा भी कर दिया जाता है और निवेश की अवधि बढ़ा दी जाती है तो भी रिटर्न डबल हो जाता है.

17000 रुपए की SIP से बनेंगे 86 लाख

मान लीजिए राम ने हर महीने 17000 रुपए की SIP शुरू की. वह जिस फंड में निवेश करता है उसका औसत रिटर्न 12 फीसदी है और वह अगले 15 सालों तक निवेश जारी रखता है. SIP Calculator के मुताबिक, 15 साल बाद राम का कॉर्पस 85.77 लाख रुपए का होगा. 15 सालों के दौरान उसका कुल निवेश 30 लाख 60 हजार रुपए का होगा. जिसपर नेट रिटर्न 55 .17 लाख रुपए का होगा.

10 हजार की SIP से बनेंगे 1.89 करोड़

रमन ने हर महीने 10 हजार रुपए की SIP शुरू की. उसने भी जिस स्कीम में निवेश किया है उसका औसत रिटर्न 12 फीसदी है. रमन ने 25 सालों तक एसआईपी जारी रखा. 25 साल के बाद उसका कॉर्पस 1.89 करोड़ रुपए का होगा. उसका कुल निवेश 30 लाख रुपए होगा. नेट रिटर्न 1.59 करोड़ रुपए होगा.

समान निवेश पर मिलेगा डबल रिटर्न

इस कैलकुलेशन से साफ पता चलता है कि राम और रमन, दोनों ने कुल 30-30 लाख रुपए जमा किए लेकिन 10 साल का अंतर होने के कारण रमन का कॉर्पस करीब दोगुना हो जाता है. हर महीने जाने वाली SIP का बोझ भी रमन के लिए करीब आधा रहा. यह पावर ऑफ कम्पाउंडिंग को दर्शाता है.

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. यहां निवेश की सलाह नहीं दी गई है. निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)

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