Mutual Funds Investment Tips: आज के समय में अगर आप किसी से निवेश की सलाह लें, तो म्‍यूचुअल फंड्स का नाम उसकी जुबां पर जरूर आता है. वो इसलिए क्‍योंकि पिछले कुछ सालों में म्‍यूचुअल फंड्स के काफी अच्‍छे रिजल्‍ट्स सामने आए हैं. इसमें सबसे अच्‍छी बात ये है कि आप Mutual Funds में एसआईपी के जरिए 500 से 1000 रुपए से निवेश शुरू कर सकते हैं. इसमें कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. ऐसे में आप जितना लंबे समय के लिए निवेश करेंगे, आपको उतना ही बेहतर मुनाफा होगा. 

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हालांकि म्‍यूचुअल फंड्स का संबन्‍ध शेयर मार्केट से है, ऐसे में तमाम लोग इसमें निवेश करने से झिझकते हैं. अगर आप भी म्‍यूचुअल फंड्स में पहली बार निवेश करने जा रहे हैं तो कुछ बातों को अच्‍छी तरह से समझ लें, ताकि बाद में किसी तरह का पछतावा न रहे. इसके बाद किसी एक्‍सपर्ट की सलाह लेकर निवेश कर सकते हैं.

सही म्‍यूचुअल फंड का करें चुनाव

इस मामले में फाइनेंशियल एक्‍सपर्ट शिखा चतुर्वेदी कहती हैं कि निवेश के लिए सही म्‍यूचुअल फंड का चुनाव बहुत जरूरी है. सही यानी वो म्‍यूचुअल फंड जो आपकी जरूरतों को पूरा कर सके. हर व्‍यक्ति को निवेश करने से पहले अपना आर्थिक लक्ष्‍य तय कर लेना चाहिए और इसके बाद ये तय करना चाहिए कि कौन सा म्‍यूचुअल फंड उपर्युक्‍त सा‍बित होगा. उपर्युक्‍त म्‍यूचुअल फंड चुनने के लिए सबसे पहले बेस्‍ट म्‍यूचुअल फंड की दावेदारी करने वाले शीर्ष दावेदारों की लिस्‍ट बनाएं. उनकी तुलना करें और देखें कि आपकी जरूरतों को काैन पूरा कर रहा है. आप चाहें तो आर्थिक सलाहकार की भी मदद ले सकते हैं. 

शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर

Mutual Funds को जोखिमभरा माना जाता है क्‍योंकि इसका रिटर्न शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होता है. हालांकि रिटर्न का जोखिम इस पर निर्भर करता है कि आपने किस तरह के शेयरों का चुनाव किया है. अगर आप लार्जकैप या ब्लूचिप फंड्स में पैसा लगा रहें हैं तो आपके लिए जोखिम कम होगा. वहीं स्मॉलकैप फंड्स में पैसा लगाने पर बढ़त में रिटर्न ज्यादा मिलेगा, लेकिन गिरावट में नुकसान की आशंका भी ज्यादा होगी. इस मामले में Fund Manager के अनुभव मददगार साबित होते हैं. वे इसके जोखिम को कम करने और निवेशकों को बेहतर रिटर्न के मौके बनाते हैं.

एक्‍सपेंस रेश्‍यो जरूर देखें

म्‍यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले एक्‍सपेंस रेश्‍यो जरूर देखना चाहिए. आमतौर पर आपको लगता होगा कि अगर किसी फंड का रिटर्न 15 फीसदी या 18 फीसदी है तो आपको भी निवेश करने पर उतना ही फायदा होगा. लेकिन ऐसा नहीं होता क्‍योंकि इसके बीच एक्सपेंस रेश्यो आ जाता है. आपके म्‍यूचुअल फंड को मैनेजमेंट का जो भी खर्च आता है उसे एक्‍सपेंस रेश्‍यो कहा जाता है. किसी भी फंड का एक्सपेंस रेश्यो ही ये तय करता है कि आपको कोई फंड कितना सस्ता मिलेगा. एक्‍सपेंस रेश्‍यो कम या ज्‍यादा होने का असर आपके रिटर्न पर भी पड़ता है. 

महंगाई का जोखिम

म्‍यूचुअल फंड पर महंगाई का जोखिम भी होता है क्‍योंकि इसमें लंबे समय के लिए निवेश किया जाता है. हालांकि आपको इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है क्‍योंकि यहीं पर आपके फंड मैनेजर का अनुभव भी काम करता है. फंड मैनेजर फंड्स के रिटर्न को ऐसे स्तर तक बनाए रखने की कोशिश करते हैं जिससे महंगाई के असर के बाद भी मुनाफा बेहतर हो.

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