खुल गई MF की नई स्कीम, महज ₹100 से शुरू कर सकते हैं निवेश; लॉन्ग टर्म में बनेगी वेल्थ
Mutual Fund NFO: एसेट मैनेजमेंट कंपनी (DSP Mutual Fund के मुताबिक लॉन्ग टर्म कैपिटल ग्रोथ में यह मददगार हो सकती है. यह स्कीम इक्विटी, इक्विटी से जुड़े इंन्स्ट्रूमेंट्स, डेट और मनी मार्केट इन्स्ट्रूमेंट्स के विकल्पों में निवेश करेगा.
Mutual Fund NFO: एसेट मैनेजमेंट कंपनी DSP म्यूचुअल फंड (DSP Mutual Fund) हाइब्रिड कैटेगरी में नया मल्टी एसेट एलोकेशन फंड (NFO) लेकर आया है. फंड हाउस के एनएफओ DSP Multi Asset Allocation Fund (DSP MAAF) का सब्सक्रिप्शन 7 सितंबर से खुल गया है. निवेशक 21 सितंबर 2023 तक इस स्कीम के लिए आवेदन कर सकते हैं. यह एक ओपन एंडेड स्कीम्स (Open ended scheme) है. इसमें निवेशक जब चाहें रिडम्प्शन करा सकते हैं. एसेट मैनेजमेंट कंपनी के मुताबिक लॉन्ग टर्म कैपिटल ग्रोथ में यह मददगार हो सकती है. यह स्कीम इक्विटी, इक्विटी से जुड़े इंन्स्ट्रूमेंट्स, डेट और मनी मार्केट इन्स्ट्रूमेंट्स के विकल्पों में निवेश करेगा.
₹100 से शुरू कर सकते हैं निवेश
एसेट मैनेजमेंट कंपनी DSP म्यूचुअल फंड के मुताबिक, DSP मल्टी एसेट एलोकेशन फंड (DSP Multi Asset Allocation Fund) में मिनिमम 100 रुपये और उसके बाद किसी भी अमाउंट से निवेश शुरू कर सकते हैं. इस स्कीम में एग्जिट लोड नहीं है. अपर्णा कार्णिक, प्रतीक निगुड़कर, संदीप यादव और रवि गेहानी स्कीम के फंड मैनेजर हैं. एनएफओ को NIFTY 500 TRI (40), MSCI World (20), NIFTY Composite Debt Index (20), Domestic Price of Gold (15), MCX I-COMDEX Composite Index (5) के खिलाफ बेंचमार्क किया गया है.
म्यूचुअल फंड हाउस ने बताया कि DSP MAAF 35-80 फीसदी इक्विटी में निवेश कर सकता है. इसमें से 50 फीसदी तक निवेश इंटरनेशनल इक्विटीज में हो सकता है. इसके अलावा 10-50 फीसदी निवेश डेट, 10-50 फीसदी गोल्ड ETF, ETFs व ETCDs के जरिए अन्य कमोडिटीज में 0-20 फीसदी और REITs & InvITs में भी 10 फीसदी तक निवेश किया जा सकता है. लॉन्ग टर्म निवेशकों को डेट स्कीम के अंतर्गत कैपिटल गेन्स टैक्सेशन की कंडीशन में इंडेक्सेशन का फायदा ले सकेंगे.
कौन कर सकता है निवेश
म्यूचुअल फंड हाउस के मुताबिक, लॉन्ग टर्म कैपिटल ग्रोथ के लिए निवेशक इस NFO में पैसा लगा सकते हैं. किसी मल्टी एसेट एलोकेशन फंड में निवेश इक्विटी और इक्विटी रिलेटेड सिक्युरिटीज, डेट एंड मनी मार्केट इन्स्ट्रूमेंट्स, कमोडिटी ETFs, एक्सचेंज ट्रेडेड कमोडिटी डेरिवेटिव्स, ओवरसीज सिक्युरिटीज और अन्य दूसरे स्वीकृत इन्स्ट्रूमेंट्स में किया जाएगा. हालांकि, इस स्कीम निवेश का मकसद हासिल कर लेगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है. निवेशक रेगुलर और डायरेक्ट दोनों प्लान में निवेश कर सकते हैं.
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स में फंड हाउस निवेशकों का पैसा इक्विटी और डेट दोनों तरह के एसेट क्लास में लगाती हैं. प्योर इक्विटी स्कीम के मुकाबले इसमें रिस्क कम रहता है. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स में भी अलग-अलग कैटेगरी है. इनमें एग्रेसिव हाइब्रिड, कंजर्वेटिव हाइब्रिड, बैलेंस्ड हाइब्रिड, डायनेमिक एसेट एलोकेशन या बैलेंस्ड एडवांटेज, मल्टी एसेट एलोकेशन, आर्बिट्राज और इक्विटी सेविंग स्कीम्स शामिल हैं.
(डिस्क्लेमर: यहां सिर्फ एनएफओ की जानकारी दी गई है. ये निवेश की सलाह नहीं है. म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
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