Mutual Fund Investment strategy: शेयर बाजार में जबरदस्‍त का बुल रन देखा जा रहा है. घरेलू बाजार के बेंचमार्क इंडेक्‍स रिकॉर्ड लेवल दिखा रहे हैं. पिछले दिनों ट्रेडिंग सेशन में सेंसेक्‍स ने जहां 66 हजार का आंकड़ा भी पार कर लिया. जबकि निफ्टी 50 ने 19500 का लेवल पार कर लिया. बाजार की इस तेजी में म्‍यूचुअल फंड निवेशक भी इक्विटी स्‍कीम्‍स में जमकर पैसा लगा रहा है. जून 2023 में इक्विटी फंड्स में नेट इनफ्लो 8637 करोड़ रुपये रहा. SIP इनफ्लो 4,734.45 करोड़ रुपये आया. यहां यह सवाल अहम है कि बाजार ने  रिकॉर्ड टॉप बनाया है. इस बुल रन की स्थिति में म्‍यूचुअल फंड निवेशकों को आगे क्‍या करना चाहिए. वहीं, अगर बाजार में करेक्‍शन आता है, तो म्‍यूचुअल फंड में किस तरह की रणनीति अपनानी चाहिए. 

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AUM कैपिटल के नेशनल हेड (वेल्‍थ) मुकेश कोचर का कहना है, बाजार ऑल टाइम हाई पर है. ऐसे माहौल में म्‍यूचुअल फंड निवेशकों को सामान्‍य तरीके से चीजों को लेना चाहिए. ऐसे समय में इक्विटी फंड्स में निवेश करने जा रहे हैं, तो हमेशा लंबी अवधि का नजरिया रखें. मार्केट के उतार-चढ़ाव को देखकर फैसला करना, सबसे बड़ी गलती हो सकती है. ऐसे में मार्केट का आकलन करने से बचना चाहिए. म्‍यूचुअल फंड निवेशकों के लिए जरूरी हे कि वो सही फंड चुने और एसेट एलोकेशन के दौरान अनुशासन बनाए रखें. साथ ही साथ शॉर्ट टर्म वॉलेटिलिटी से घबराए नहीं. 

BPN फिनकैप के डायरेक्‍टर अमित कुमार निगम का कहना है, बाजार की रिकॉर्ड ऊंचाई में निवेशकों को मल्‍टी एसेट फंड में निवेश का ऑप्‍शन अपनाना चाहिए. एक सबसे जरूरी बात कि पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करने का भी यह सही समय होता है. लगातार खराब प्रदर्शन करने वाले फंड्स से दूरी बना लेनी चाहिए. इसके अलावा, सिस्‍टमैटिकली निवेश सबसे बेहतर रहता है. 

बाजार में करेक्‍शन आए तो क्‍या करें?

मुकेश कोचर का कहना है, बाजार में जारी इस बुल रन में निवेशकों को एक और स्‍ट्रैटजी बनाकर रखनी चाहिए. अगर मार्केट यहां से नीचे जाता है, तो वे 10-20 फीसदी कैश कॉल ले सकते हैं. यानी, अपने फंड्स में 10-20 फीसदी टॉप-अप कर सकते हैं. किसी भी गिरावट में टॉप-अप का फायदा होता है कि इससे आपको एक्‍स्‍ट्रा अल्‍फा जेनरेट करने में मदद मिल सकती है. कुल मिलाकर सबसे बड़ी सलाह है कि लंबी अवधि के नजरिए से निवेश बनाए रखे. 

अमित निगम का कहना है, मार्केट में जब भी करेक्‍शन आता है, यह खरीदारी का मौका होता है. इसलिए मार्केट की गिरावट में घबराकर मुनाफावसूली या बिकवाली करने की बजाय निवेश को बनाए रखना चाहिए. साथ ही टॉप-अप करना चाहिए. 

जून में कितना आया निवेश

एसोसिएशन ऑफ म्‍यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, जून 2023 में इक्विटी म्‍यूचुअल फंड्स में नेट इनफ्लो बढ़कर 8637 करोड़ रुपये हो गया. जोकि मई 2023 में 3,240 करोड़ रुपये था. स्‍मॉलकैप फंड्स में 5472 करोड़ रुपये का निवेश आया है. MF इंडस्ट्री का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 44.39 लाख करोड़ रुपये हो गया है. 

AMFI के मुताबिक, इक्विटी कैटेगरी में Value Fund/Contra Fund में 2,239.08 करोड़, Mid Cap Fund में 1,748.51 करोड़, Multi Cap Fund में 734.68 करोड़, Large & Mid Cap Fund में 1,146.69 करोड़,  Dividend Yield Fund में 397.59 करोड़ और Sectoral/Thematic Funds में 459.25 करोड़ रुपये निवेशकों ने लगाए. दूसरी ओर, इक्विटी सेगमेंट से जून में लॉर्जकैप फंड से 2050 करोड़ रुपये का नेट आउटफ्लो हुआ. इसके अलावा, Focused Fund से 1,018.31 करोड़, ELSS से 474.86 करोड़ और Flexi Cap Fund से 17.30 करोड़ रुपये निवेशकों ने निकाल लिये. 

जून में ओपन एंडेड डेट फंड 14,136 करोड़ का नेट आउटफ्लो हुआ.  हाइब्रिड फंड नेट 4611 करोड़ का इनफ्लो हुआ है. लिक्विड फंड 28,545 करोड़ का नेट आउटफ्लो रहा. वहीं, मनी मार्केट फंड में नेट इनफ्लो 6827 करोड़ रुपये रहा. जून में आर्बिट्राज फंड में नेट इनफ्लो 3366 करोड़, इंडेक्स फंड में नेट आउटफ्लो 906 करोड़ और गोल्ड ETF में 70.32 करोड़ रुपये और अन्‍य दूसरे ETF में 3,402.35 करोड़ का नेट इनफ्लो रहा. 

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.) 

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