Mutual Fund में आपने भी किया है निवेश? कब करनी चाहिए मुनाफावसूली, एक्सपर्ट से जानिए
Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत आप कभी भी कर सकते हैं. लेकिन, एक अहम सवाल है कि हमें कब अपने फंड से मुनाफावसूली करनी चाहिए.
Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड निवेश का एक ऐसा तरीका है, जिसके जरिए आप इक्विटी में बिना डायरेक्ट निवेश किये बाजार जैसा रिटर्न हासिल कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड में SIP एक ऐसा जरिए 100 रुपये मंथली से भी निवेश शुरू कर सकते हैं. एक्सपर्ट मानते हैं कि लंबी अवधि में SIP निवेश से अच्छा खासा फंड बनाया जा सकता है. म्यूचुअल फंड्स का रिटर्न हमेशा बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है. इसलिए निवेशकों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए. म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत आप कभी भी कर सकते हैं. लेकिन, एक अहम सवाल है कि हमें कब अपने फंड से मुनाफावसूली करनी चाहिए.
एक्सपर्ट के सुझावों पर गौर करें
एसोसिएशन ऑफ रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स (ARIA) के वाइस चेयरमैन विशाल धवन का कहना है, म्यूचुअल फंड में प्रॉफिट बुक करने का आइडियल तरीका ये है कि आप इसे अपने एसेट एलोकेशन के आधार पर करें. क्योंकि, अगर स्टॉक पर अपसाइड सीमित है, तो आपका इक्विटी फंड मैनेजर पहले से ही अलग-अलग शेयरों पर मुनाफा बुक कर सकता है. वहीं, अगर आपके पोर्टफोलियो में स्ट्रैटजिक एसेट एलोकेशन के मुकाबले इक्विटी का वेटेज ज्यादा है, तो आप प्रॉफिट बुक कर और अपने पोर्टफोलियो को रिबैलेंस कर सकते हैं.
एडलवाइज एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड (EAML) के हेड (सेल्स) दीपक जैन म्यूचुअल फंड में मुनाफावसूली के कुछ और अहम प्वाइंट्स बताते हैं. उनका कहना है, जब भी आपको पैसे की जरूरत पड़ जाए, आप म्यूचुअल फंड स्कीम से प्रॉफिट बुक कर सकते हैं. यानी, अचानक कोई इमरजेंसी आ जाए और आपके पास पर्याप्त फंड नहीं हो, तो आप अपना फंड रिडीम कराकर पैसे का इस्तेमाल अपनी जरूरत पूरी करने के लिए करें. क्योंकि, जरूरत पर आप अपने निवेश का इस्तेमाल कर सकते हैं.
दीपक जैन का कहना है, म्यूचुअल फंड से मुनाफावसूली उस समय भी जरूरी हो जाती है, जब आपके एसेट मिक्स में काफी बदलाव आ चुका हो. इसके अलावा, जब मार्केट में जबरदस्त तेजी हो और आप अपने निवेश लक्ष्य को हासिल करने के करीब पहुंच गए हों, तो मुनाफावसूली कर लेनी चाहिए.
एडवाइजर की सलाह जरूर लें
एक्सपर्ट मानते हैं, जब अभी आप फंड से मुनाफावसूली का फैसला करें, उससे पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से एक बार परामर्श जरूर कर लें. ऐसा इसलिए क्योंकि आपको फंड से बाहर निकलने का चार्ज (एग्जिट लोड) और टैक्सेशन के बारे में समझने में आसानी होगी. क्योंकि, अगर आपने इसमें जल्दबाजी दिखाई को आपको अपने फंड से हुए प्रॉफिट का एक बड़ा हिस्सा चार्जेज और टैक्स में खर्च करना पड़ जाएगा.
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. यहां म्यूचुअल फंड पर एक्सपर्ट की राय दी गई है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं हैं. निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श जरूर कर लें.)