Multi Cap Funds: बाजार में जारी उतार-चढ़ाव के बावजूद मल्टीकैप फंड्स के प्रति निवेशकों का भरोसा बना हुआ है. बीते तीन महीने के प्रदर्शन की बात करें तो AMFI की तरफ से शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, दिसंबर में इस फंड में नेट इन्फ्लो 676 करोड़ रहा. नवंबर महीने में 170 करोड़ और अक्टूबर महीने में 889 करोड़ का नेट इन्फ्लो रहा था. मल्टीकैप के प्रति निवेशकों का भरोसा इसलिए बना हुआ है, क्योंकि ये डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड होते हैं. इस फंड में इक्विटी और इक्विटी रिलेटेड फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स में कम से कम 65 फीसदी निवेश करना जरूरी है. मल्टीकैप फंड्स को डावर्सिफाइड  इक्विटी फंड्स भी कहते हैं.

Multi Cap Funds क्या होते हैं?

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HSBC म्यूचुअल फंड के को-सीईओ कैलाश कुलकर्णी ने कहा कि मल्टीकैप फंड्स (Multi Cap Funds) डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड होते हैं. यह आपके पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई रखता है, जिससे रिस्क घटता है. इस फंड में अधिकतम 25 फीसदी तक डेट स्कीम्स में निवेश किया जा सकता है. इक्विटी की बात करें तो लार्ज, मिड और स्मॉलकैप कंपनियों में कम से कम 25-25 फीसदी निवेश जरूरी है. 

किन निवेशकों को करना चाहिए निवेश?

अगर आप अग्रेसिव निवेशक हैं तो इन फंड्स को चुना जा सकता है. रिटर्न अच्छा है और स्मॉलकैप, मिडकैप फंड के मुकाबले रिस्क भी कम रहता है. एक्सपर्ट की सलाह है कि अगर आपका नजरिया लंबी अवधि के लिए है तो यह शानदार रिटर्न देंगे और रिस्क भी घटेगा. इसमें फंड मैनेजर के पास फ्लेक्सिबिलिटी रहती है कि जरूरत के हिसाब से लार्ज,मिड,स्मॉलकैप निवेश घटा-बढ़ा सकते हैं.

लंबी अवधि के लिए निवेश फायदे का सौदा

अगर आप भी मल्टीकैप फंड्स में निवेश करना चाहते हैं तो अपने लिए फंड चुनन से पहले बीते 5-7 सालों के प्रदर्शन पर गौर करें. निवेश का नजरिया लंबा रखें. निवेश थोड़ा-थोड़ा करना चाहिए जिसके लिए SIP सबसे अच्छा तरीका है. हाल के दिनों में SIP की मदद से निवेश का क्रेज भी देखा जा रहा है. हाल ही में AMFI की तरफ से जो डेटा जारी किया गया है, उसके मुताबिक SIP की मदद से 13500 करोड़ से ज्यादा का निवेश किया गया.

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