Multi Asset Allocation Fund: शेयर बाजार इस समय ऑल टाइम हाई पर है. सेंसेक्स 66 हजार के पार पहु्ंच गया है. इस वैल्युएशन पर म्यूचुअल फंड निवेशकों को असेट एलोकेशन पर विचार करना चाहिए. पिछले कुछ समय से हायब्रिड स्कीम्स को लेकर निवेशकों में अच्छा जोश देखा जा रहा है. AMFI डेटा के मुताबिक, जून में डायब्रिड स्कीम्स में कुल 4611 करोड़ रुपए का निवेश आया था, जिसमें Multi Asset Allocation Fund में 1323 करोड़ रुपए का निवेश आया. मई में इस कैटिगरी में 738 करोड़ का इन्फ्लो दर्ज किया गया था.

Hybrid Funds

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हायब्रिड म्यूचु्अल फंड स्कीम्स आपके पोर्टफोलियो (Hybrid Mutual Funds) को डायवर्सिफाई करता है. इसका काम रिस्क को घटाना और रिटर्न को बेहतर करना होता है. हाइब्रिड फंड का निवेश कई एसेट क्लास में होता है. फंड का निवेश इक्विटी और डेट, दोनों में होता है. इसी कारण इक्विटी फंड के मुकाबले हाइब्रिड में जोखिम कम होता है.

3 असेट क्लास में होता है निवेश

जी बिजनेस के खास कार्यक्रम मनी गुरू में बात करते हुए ऑप्टिमा मनी के CEO पंकज मठपाल और ICICI Pru. AMC के फंड मैनेजर इहाब दलवई ने कहा कि Multi Asset Allocation Fund एक तरह की हायब्रिड स्कीम ही होती है. इसमें कम से कम 3 असेट क्लास में निवेश जरूरी है. मुख्य रूप से यह इक्विटी, डेट और गोल्ड या कोई अन्य असेट क्लास हो सकता है. 

Multi Asset Allocation Fund

Multi Asset Allocation Fund में कम से कम 3 असेट क्लास में निवेश करना जरूरी है. हर कैटेगरी में कम से कम 10% निवेश करना जरूरी है.  REITs और InVITs में 0-10% एलोकेशन होता है.  फंड का 0-10% प्रेफेरेंशियल शेयर में निवेश किया जाता है.  गोल्ड में भी 10-30% का निवेश होता है. स्कीम स्ट्रक्चर के अनुसार इक्विटी और डेट फंड्स के मुताबिक टैक्सेशन का नियम लागू होता है.

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