प्राइवेट नौकरी वाले जान लें Gratuity का लेखा-जोखा, कब-कितना मिलेगा
Gratuity Calculation: ग्रेच्युटी के लिए सरकार की तरफ से कुछ नियम तय किए गए हैं. अगर आप उसे पूरा करते हैं, तभी आपको ग्रैच्युटी का फायदा मिलेगा. इसे एक तय फॉर्मूले के तहत दिया जाता है. अगर कंपनी चाहे तो तय फॉर्मूले से ज्यादा अमाउंट भी कर्मचारी को दे सकती है.
Gratuity Calculation: प्राइवेट नौकरी करने वाले अगर एक कंपनी में कुछ निश्चित साल बीता लेते हैं, तो कंपनी आपको रिवॉर्ड के रूप में एक अच्छी-खासी रकम देती है. इसे ग्रेच्युटी (Gratuity) कहते हैं. यहां एक बात जाननी चाहिए कि जब भी ग्रेच्युटी की बात करते हैं, तो यह जानना भी जरूरी कि आप कब इसके हकदार होते हैं और आपको कितना अमाउंट मिल सकता है. ग्रेच्युटी के लिए सरकार की तरफ से कुछ नियम तय किए गए हैं. अगर आप उसे पूरा करते हैं, तभी आपको ग्रैच्युटी का फायदा मिलेगा. इसे एक तय फॉर्मूले के तहत दिया जाता है, हालांकि अगर कंपनी चाहे तो तय फॉर्मूले से ज्यादा अमाउंट भी कर्मचारी को दे सकती है.
Gratuity का मतलब
किसी कंपनी में लंबे समय तक काम करने वाले कर्मचारियों को सैलरी, पेंशन और प्रोविडेंट फंड (PF) के अलावा ग्रेच्युटी पाने का भी हक होता है. यह कंपनी की ओर से मिलने वाला रिवार्ड है. अगर कर्मचारी नौकरी की कुछ शर्तों को पूरा करता है, तो ग्रेच्युटी का भुगतान एक निर्धारित फॉर्मूले के हिसाब से किया जाएगा.
Gratuity: कब मिलेगी
हर कंपनी ग्रेच्युटी के लिए कर्मचारी की सैलरी से एक निश्चित रकम काटती है लेकिन बड़ा हिस्सा कंपनी की ओर से दिया जाता है. मौजूदा नियम के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति किसी कंपनी में कम से कम 5 साल तक काम करता है, तो वह ग्रेच्युटी का हकदार हो जाता है. अगर, 5 साल बाद कंपनी छोड़ते हैं तो आपको ग्रेच्युटी मिलेगी.
Gratuity: कानून की बातें
पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के मुताबिक, इसका फायदा उस कंपनी के हर कर्मचारी को मिलता है जहां साल में रोजाना कम से कम 10 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं. अगर कर्मचारी नौकरी बदलता है, रिटायर हो जाता है या किसी कारणवश नौकरी छोड़ देता है और ग्रेच्युटी के नियमों को पूरा करता है तो उसे उसका लाभ मिलेगा. इसमें एक खास बात यह भी है कि अगर कोई कंपनी या संस्था ग्रेच्युटी एक्ट के दायरे में नहीं आती है, लेकिन वह चाहे तो ग्रेच्युटी का फायदा अपने कर्मचारी को दे सकती है.
Gratuity: क्या है गुणा-भाग
ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का एक फॉर्मूला है. कुल ग्रेच्युटी की रकम = (अंतिम सैलरी) x (15/26) x (कंपनी में कितने साल काम किया). मान लीजिए कि किसी इम्प्लॉई ने 20 साल एक ही कंपनी में काम किया. उस इम्प्लॉई की अंतिम सैलरी 1,00,000 रुपये (बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता मिलाकर) है, तो उसको करीब 11.54 लाख रुपये बतौर ग्रेच्युटी ((1,00,000) x (15/26) x (20)= 1153846 रुपये) मिलेगी. ग्रेच्युटी कैलकुलेशन के फॉर्मूले में हर महीने में 26 दिन ही काउंट किया जाता है, क्योंकि माना जाता है कि 4 दिन छुट्टी होती है. वहीं एक साल में 15 दिन के आधार पर ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन होता है.
Gratuity: बेहद जरूरी बात
ग्रेच्युटी फार्मूला के मुताबिक, अगर कोई कर्मचारी 6 महीने से ज्यादा काम करता है तो उसकी कैलकुलेशन एक साल के तौर पर की जाएगी. जैसेकि, अगर कोई कर्मचारी 8 साल 7 महीने काम करता है, तो उसे 8 साल मान लिया जाएगा और इसी आधार पर ग्रेच्युटी की रकम बनेगी. दूसरी ओर, अगर 7 साल 4 महीने काम करता है तो उसे 7 साल ही माना जाएगा.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें