Key Benefits of SIP: शेयर बाजारों में जारी उतार-चढ़ाव के बीच म्‍यूचुअल फंड निवेशकों का भरोसा SIP को लेकर मजबूत बना हुआ है. एसोसिएशन ऑफ म्‍यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में SIP अकाउंट्स की संख्या 5.71 करोड़ के टॉप  पर पहुंच गई और 12,693.45 करोड़ रुपये का निवेश आया. SIP AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) ऑलटाइम हाई पर है और यह 6.39 लाख करोड़ रुपये के लेवल पर जा पहुंचा है. अगस्त 2022 में 21.13 लाख नए SIP अकाउंट्स रजिस्टर हुए. दरअसल, म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश पर भी बाजार का जोखिम रहता है. लेकिन, यह भी सही है कि डायरेक्‍ट इक्विटी मार्केट में निवेश की बजाय म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश पर जोखिम कम रहता है. ऐसे में सिस्‍टमेटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान (SIP) के जरिए निवेश एक बेहतर विकल्‍प है. डिजिटाइजेशन के साथ-साथ म्‍यूचुअल फंड में निवेश करना काफी आसान हो गया. अब छोटे शहरों से महज मोबाइल के जरिए म्‍यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. SIP के जरिए म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश के 5 बड़े फायदे समझते हैं.

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छोटी रकम से शुरुआत 

म्‍यूचुअल फंड में SIP के जरिए निवेश करने के लिए आपको बड़ी रकम की जरूरत नहीं होती है. आप अपनी छोटी-छोटी बचत का भी निवेश कर सकते हैं. SIP की खासियत यह है कि कई ऐसी स्‍कीम्‍स हैं, जिनमें महज 100 रुपये से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. इसके जरिए आप निवेश की आदत, रिस्‍क और उस पर मिलने वाले रिटर्न का आकलन आसानी से समझ सकते हैं. जैसेकि आपने अगर 1 साल तक मंथली 100-100 रुपये की एसआईपी की, तो आप अपने फंड के प्रदर्शन का एक अंदाजा लगा सकते हैं कि आपका निवेश कैसे काम कर रहा है.

रेग्‍युलर निवेश 

म्‍यूचुअल फंड में SIP के जरिए आपको रेग्‍युलेर सेविंग और इन्‍वेस्‍टमेंट की आदत पड़ती है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि, आपको एक निश्चित अमाउंट एक तय तारीख पर जमा करनी होती है, इसलिए आप उसकी तैयारी पहले से कर लेते हैं. यानी, वो आपकी एक रेग्‍युलर आदत हो जाती है.

ऑटोमैटिक डिपॉजिट

SIP के जरिए निवेश शुरू करना आसान इसलिए भी है, क्‍योंकि इससे आपका बैंक अकाउंट आपके इन्‍वेस्‍टमेंट से लिंक्‍ड हो जाता है. इससे एक प्री-डिसाइडेड अमाउंट आपके अकाउंट से एक निर्धारित तारीख को ऑटोमैटिक कट जाती है. इससे आप एक अनुशासित निवेशक बनते हैं.

आसान KYC प्रॉसेस

म्‍यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले हमेशा निवेशक यह जानना चाहते हैं कि क्‍या-क्‍या डॉक्‍यूमेंट्स देना होगा. म्‍यूचुअल फंड में निवेश के लिए भी नो यार कस्‍टमर (KYC) प्रॉसेस पूरा करना होता है. इसमें आईडेंटिटी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ होना चाहिए. पैन और आधार की भी जरूरत पड़ेगी.

फंड का अंदाजा

SIP Calculator की मदद से आप आसानी से अपने अनुमानित फंड का अंदाजा लगा सकते हैं. फंड के पिछले प्रदर्शन के आधार पर अनुमानित सालाना ग्रोथ जान सकते हैं. जैसेकि, अगर किसी निवेशक ने किसी फंड में 5 साल पहले SIP शुरू की है, तो आज उसकी वैल्‍यू क्‍या है. फंड की सालाना ग्रोथ कैसी रही. इससे आपको पूरे म्‍यूचुअल फंड में निवेश का एक मैट्रिक्‍स भी समझ में आएगा. हालांकि, एसआईपी रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती है. 

SIP है क्‍या

SIP निवेश का एक सिस्‍टमेटिक तरीका है. इसमें निवेशक को सीधे बाजार के रिस्‍क का सामना नहीं करना पड़ता है. वहीं, रिटर्न भी ट्रेडिशनल प्रॉडक्‍ट से ज्‍यादा मिलता है. हालांकि, इसमें भी रिस्‍क रहता है. इसलिए निवेशक को अपनी इनकम, टारगेट और रिस्‍क प्रोफाइल देखकर निवेश का फैसला करना चाहिए. 

(एक्‍सपर्ट से बातचीत पर आधारित) 

 

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)