2023 SIP Investment Tips: बाजार में उठापटक के बावजूद बीते साल म्‍यूचुअल फंड निवेशकों का भरोसा मजबूत बना रहा. सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान (SIP) के जरिए निवेशकों खासकर रिटेल निवेशकों ने पूरे साल जमकर पैसा लगाया. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर 2022 में SIP अकाउंट्स की संख्‍या 6.04 करोड़ के पार पहुंच गई. AMFI का आकलन है कि साल 2023 में म्‍यूचुअल फंड इंडस्‍ट्री की ग्रोथ 16-17 फीसदी रह सकती है. एक्‍सपर्ट मानते हैं कि 2023 में इक्विटी मार्केट में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है. लेकिन, इस उठापटक में म्‍यूचुअल फंड निवेशकों के लिए मौके भी बनेंगे. ऐसे में SIP निवेशकों को नए साल के लिए अपनी स्‍ट्रैटजी बना लेनी चाहिए.

मिडकैप, स्‍माल कैप पर रखें नजर

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बीपीएन फिनकैप के डायरेक्‍टर अमित कुमार निगम का कहना है कि नए साल में बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. ऐसे में निवेशकों खासकर SIP निवेशकों को लंबी अवधि के नजरिए से प्‍लानिंग करनी चाहिए. SIP निवेशकों को 5 साल से ज्‍यादा के नजरिए मिडकैप और स्‍माल कैप फंड्स में निवेश करना चाहिए. उनका कहना है कि SIP निवेशकों को 2023 में एक और स्‍ट्रैटजी अपनानी चाहिए, वो है टॉप-अप की. उनका कहना है कि अगर मार्केट में करेक्‍शन होता है या गिरावट आती है, तो ऐसे में निवेशक टॉप-अप कराने के लिए तैयार रहें.

निगम का कहना है कि SIP निवेश का एक सिस्‍टमेटिक तरीका है. इसमें निवेशक को सीधे बाजार के रिस्‍क का सामना नहीं करना पड़ता है. वहीं, रिटर्न भी ट्रेडिशनल प्रॉडक्‍ट से ज्‍यादा मिलने की संभावना रहती है. हालांकि, इसमें भी रिस्‍क रहता है. इसलिए निवेशक को अपनी इनकम, टारगेट और रिस्‍क प्रोफाइल देखकर निवेश का फैसला करना चाहिए. इसमें SIP में खासियत यह है कि महज 100 रुपये मंथली से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. 

2023 में 16-17% की दर से बढ़ेगी इंडस्‍ट्री: AMFI

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में 7 फीसदी या 2.65 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई. इससे पहले साल 2021 में उसके AUM में करीब 22 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. AMFI के अनुमान है कि 2023 में इंडस्‍ट्री 16-17 फीसदी की दर से बढ़ेगा. 

आंकड़ों के मुताबिक, इस साल नवंबर तक म्यूचुअल फंड इंडस्‍ट्री का साइज 40.37 लाख करोड़ रुपये हो चुका है जो इसका रिकॉर्ड स्तर है. साल 2021 के अंत में यह इंडस्‍ट्री 37.72 लाख करोड़ रुपये की थी. जबकि, 2020 में इसका साइज 31 लाख करोड़ रुपये था. 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध, सप्लाई चेन की दिक्‍कतें और बढ़ती ब्याज दरों के चलते म्‍यूचुअल फंड इंडस्ट्री 2021 की ग्रोथ हासिल नहीं कर पाई.  

(डिस्‍क्‍लेमर: यहां निवेश की सलाह एक्‍सपर्ट की ओर से दी गई है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं हैं. म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले एडवाइजर से परामर्श कर लें.)  

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