Mutual Fund में निवेश के लिए किसी नई और बेहतर स्कीम की तलाश में हैं, तो आपके पास एक अच्‍छा मौका है. SBI म्‍यूचुअल फंड (SBI Mutual Fund) एक नई स्‍कीम SBI मल्‍टीकैप फंड (SBI Multicap Fund) लाने वाला है. यह न्यू फंड आफर (NFO) 14 फरवरी 2022 को निवेश के लिए खुलेगा. इसमें 28 फरवरी 2022 तक पैसे लगा सकते हैं. यह एक ओपन एंडेट फंड है. यानी, इसमें निवेशक स्‍कीम से जब चाहे बाहर हो सकते हैं.  

NFO: किसे करना चाहिए निवेश  

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

SBI MF की वेबसाइट के मुताबिक, म्‍यूचुअल फंड हाउस एक नया फंड ला रहा है. इसमें लॉर्ज, मिड और स्‍माल कैप स्‍टॉक्‍स में निवेश का मौका मिलेगा. इस स्‍कीम में 15 सेक्‍टर की कंपनियां शामिल होंगी. SBI का यह नया फंड लॉन्‍ग टर्म निवेशकों, यंग जेनरेशन के लिए एक बेहतर ऑप्‍शन है. लॉन्‍ग टर्म में वेल्‍थ क्रिएशन के लिहाज से यह एक अच्‍छा विकल्‍प है.

कितना कर सकते हैं निवेश 

SBI MF के मल्‍टीकैप फंड में कम से कम 5000 रुपये निवेश करना जरूरी है. उसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में कितना भी निवेश किया जा सकता है. यह एनएफओ निवेशकों को लार्ज, मिड और स्मॉलकैप शेयरों में निवेश करने का मौका देगा. इसमें प्रत्येक कैटेगरी में मिनिमम एकसमान एक्सपोजर होगा. इस NFO में SIP के जरिए निवेश करने का भी ऑप्‍शन होगा. इस फंड में एक साल के पहले रीडिम या बाहर निकलने पर 1 फीसदी एक्जिट लोड देना होगा. इस स्‍कीम के फंड मैनेजमेंट आर श्रीनिवासन और मोहित जैन हैं.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

Multicap Funds: रिस्‍क बैलेंस का फायदा  

BPN फिनकैप के डायरेक्‍टर एके निगम का कहना है कि म्यूचुअल फंड की मल्‍टीकैप कैटेगरी उन निवेशकों के लिए बेहतर है, जो बाजार से ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. यहां निवेश लॉर्जकैप, मिडकैप और स्मालकैप कंपनियों में होता है. इसका फायदा ऐसे समझ सकते हैं कि अगर लार्जकैप का वैलुएशन  बहुत ज्यादा हो जाता है और उसमें गिरावट आती है, तो मिडकैप या स्मालकैप से आपका रिटर्न बैलेंस हो सकता है. इसी तरह से मिडकैप सेग्मेंट या स्मालकैप सेग्मेंट में कमजोरी आए, तो लार्जकैप इसे बैलेंस कर सकता है. इस तरह से बाजार का जोखिम कम हो जाता है. 

मल्‍टीकैप फंड्स: किस कैटेगिरी में कितना निवेश 

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने मल्टीकैप फंड के नए नियम के मुताबिक, अब फंड हाउस को 75 फीसदी हिस्सा इक्विटी में निवेश करना जरूरी है. SEBI के नए नियमों के मुताबिक, मिडकैप और स्मॉलकैप में 25-25 फीसदी निवेश करना होगा. इस तरह कुल रकम का 25 फीसदी लार्ज कैप में लगाना जरूरी होगा. पहले इसे लेकर कोई सीमा निर्धारित नहीं थी. नियमों में बदलाव के पहले मल्टीकैप में लार्जकैप का वेटेज ज्यादा रहता था. हालांकि Mutual Fund मल्टी कैप फंड को रीबैलेंस कर सकते हैं. उनके पास दूसरी स्कीम में स्विच करने का ऑप्‍शन है. 

 

(डिस्‍क्‍लेमर: यहां सिर्फ NFO की जानकारी दी गई है. यह निवेश की सलाह नहीं है. म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)