SIP Calculator: म्‍यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेशक सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान (SIP) के जरिए पैसा लगाने को तरजीह दे रहे हैं. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, SIP अकाउंट नवंबर में बढ़कर 4.78 करोड़ हो गए, अक्‍टूबर तक यह 4.64 करोड़ थे. वहीं, नवंबर में मंथली SIP कंट्रीब्‍यूशन ने पहली बार 11 हजार का आंकड़ा पार किया और यह 11,004.94 करोड़ रुपये हो गया. एक्‍सपर्ट मान रहे हैं कि निवेशक एकमुश्‍त पैसा लगाने की बजाय एसआईपी के जरिए निवेश को तरजीह दे रहे हैं. कैलकुलेशन से समझते हैं, अगर कोई निवेशक 1,000 रुपये का मंथली निवेश शुरू करता है, तो 10, 20, 30 साल में कितना बड़ा कॉपर्स बना सकता है. 

लॉन्‍ग टर्म में 12% का रिटर्न 

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म्‍यूचुअल फंड SIP की लंबी अवधि के रिटर्न पर नजर डालें, तो कई ऐसी स्‍कीम्‍स हैं, जिनमें निवेशकों को औसतन 12 फीसदी का रिटर्न मिला है. इस तरह, अगर आप 1,000 रुपये की मंथली SIP करते हैं, और सालाना 12 फीसदी का रिटर्न मिलता है, तो 10, 15 और 20 साल में रिटर्न चेक करिए. 

10 साल का रिटर्न

SIP कैलकुलेटर के मुताबिक, 1,000 रुपये का मंथली निवेश 10 साल तक करते हैं और मिनिमम 12 फीसदी सालाना रिटर्न मिलता है, तो आप 2.3 लाख रुपये का अनुमानित फंड बना लेंगे. इसमें निवेश की कुल रकम 1.2 लाख रुपये और वेल्‍थ गेन 1.1 लाख रुपये का होगा. 

20 साल का रिटर्न

SIP Calculator के मुताबिक, 1,000 रुपये का मंथली निवेश 20 साल तक करते हैं और मिनिमम 12 फीसदी सालाना रिटर्न मिलता है, तो आप 10 लाख रुपये का अनुमानित फंड बना लेंगे. इसमें निवेश की कुल रकम 2.4 लाख रुपये और वेल्‍थ गेन 7.6 लाख रुपये का होगा. 

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30 साल का रिटर्न

SIP कैलकुलेटर के मुताबिक, 1,000 रुपये का मंथली निवेश 30 साल तक करते हैं और मिनिमम 12 फीसदी सालाना रिटर्न मिलता है, तो आप 35.3 लाख रुपये का अनुमानित फंड बना लेंगे. इसमें निवेश की कुल रकम 3.6 लाख रुपये और वेल्‍थ गेन 31.7 लाख रुपये का होगा. 

एकमुश्‍त की बजाय SIP पर ज्‍यादा फोकस

बीपीएन फिनकैप के डायरेक्‍टर एके निगम का कहना है कि महामारी के बाद से निवेशकों का फोकस कैपिटल मार्केट इंस्‍ट्रूमेंट्स पर बढ़ा है. इसमें SIP पर सबसे ज्‍यादा फोकस है. मार्केट में लिक्विडिटी है और निवेशक पैसा लगा रहे है. हालांकि, वह एकमुश्‍त निवेश की बजाय एसआईपी को तरजीह दे रहे हैं. 

AMFI के चीफ एग्‍जीक्‍यूटिव एनएस वेंक्‍टेशन के एक बयान के मुताबिक, मंथली SIP कंट्रीब्‍यूशन बढ़ने से फंड मैनेजमेंट कंपनियों के एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में जबदस्‍त इजाफा हुआ है. सभी इक्विटी सेगमेंट में इनफ्लो हुआ है. कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के चलते बढ़ी अनिश्चितता और इक्विटी मार्केट में जारी उतार-चढ़ाव के बावजूद रिटेल निवेशक इसका फायदा लेना चाहते हैं. इसलिए वह अनुशासित तरीके से SIP के जरिए म्‍यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में अपनी सेविंग्‍स को लगा रहे हैं.

 

(डिस्‍क्‍लेमर: यहां निवेश की सलाह नहीं दी गई है. म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)