ऑनलाइन या डीमैट, कहां निवेश फायदेमंद! जानें म्यूचुअल फंड में निवेश का तरीका
म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए ऑनलाइन जरिया बेहतर होता है. यहां आपको एडवाइजर को कमीशन नहीं देना होगा. घर बैठे ही पसंदीदा फंड में निवेश कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए कई विकल्प मौजूद हैं. आप ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं या फिर डिस्ट्रीब्यूटर और डीमैट के जरिये भी इनमें निवेश किया जा सकता है. आज म्यूचुअल फंड में निवेश के इन तरीकों में से एक डीमैट अकाउंट की चर्चा करने वाले हैं.
डीमैट अकाउंट से निवेश करने के क्या नफा-नुकसान हैं, ये बता रहे हैं फिनसेप इंडिया की फाइनेंशियल एजुकेटर मृन अग्रवाल.
डीमैट अकाउंट
डीमैट एक अकाउंट है जहां आप सिक्योरिटीज रखते हैं. सिक्योरिटीज जैसे शेयर, बॉन्ड्स, म्यूचुअल फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) को डीमैट खाते में रखा जाता है. आप डीमैट खाता डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के पास खोल सकते हैं. डीमैट के लिए आईडी और एड्रेस प्रूफ जमा करना होगा. जरूरी दस्तावेज जमा करने के बाद आपका खाता खुल जाएगा.
डीमैट से म्यूचुअल फंड में निवेश
डीमैट अकाउंट से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं. डीमैट फॉर्म में म्यूचुअल फंड खरीद और बेच सकते हैं. नॉन-डीमैट फॉर्म में यूनिट जमा है तो कनवर्जन फॉर्म भरना होगा. डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट फॉर्म को वेरीफिकेशन के लिए RTA को भेजेगा. वेरीफिकेशन के बाद आपके अकाउंट में म्यूचुअल फंड यूनिट क्रेडिट होंगी.
डीमैट से निवेश के फायदे
डीमैट से म्यूचुअल फंड में निवेश फायदेमंद होता है. अपने सभी फंड्स को एक जगह पर देख सकते हैं. शेयर और म्यूचुअल फंड का एक ही स्टेटमेंट मिलेगा. इससे कानूनी वारिस को यूनिट ट्रांसफर करना आसान होता है.
डीमैट से MF निवेश की खामियां
डीमैट से म्यूचुअल फंड में निवेश खर्चीला हो सकता है. खाते के प्रबंधन और ट्रांजैक्शन फीस के चलते यहां ज्यादा चार्जेज लगते हैं. इतना ही नहीं एक ट्रांजैक्शन में ज्यादा वक्त लग सकता है. डीमैट के लिए ब्रोकर, एक्सचेंज, बैंक, RTA कतार में हैं. आप एक से ज्यादा फोलियो नहीं रख सकते हैं. systematic transfer plan (STP) और systematic withdrawal plan (SWP) डीमैट अकाउंट से करना मुश्किल होता है. यहां रोजाना और हर पखवाड़े डिविडेंड मिलना मुश्किल है और ट्रांजेक्शन के लिए ब्रोकर पर निर्भर रहना पड़ता है.
डीमैट Vs ऑनलाइन इन्वेस्टिंग
म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए ऑनलाइन जरिया बेहतर होता है. ऑनलाइन निवेश में कम इंटरमीडियरीज होते हैं. डीमैट से निवेश में Asset Management Company (AMC) भुगतान की जिम्मेदारी से मुक्त होता है.
ऑनलाइन निवेश के फायदे
ऑनलाइन निवेश करने के कई फायदे हैं. यहां आपको एडवाइजर को कमीशन नहीं देना होगा. घर बैठे ही पसंदीदा फंड में निवेश कर सकते हैं और चंद मिनटों में ही निवेश हो जाता है.
ऑनलाइन निवेश के नुकसान
ऑनलाइन निवेश के कुछ नुकसान भी हैं. निवेश के लिए आपको खुद ही फंड चुनने होते हैं. इसके लिए म्यूचुअल फंड की अच्छी समझ होना जरूरी है. सही समझ न होने पर नुकसान उठाना पड़ सकता है. यहा आपको मदद के लिए कोई वित्तीय सलाहकार नहीं मिलेगा. फंड चुनने से पहले खुद ही रिसर्च करनी होगी.
थर्ड पार्टी ऐप या AMC की वेबसाइट
म्यूचुअल फंड में ऑनलाइन निवेश AMC की वेबसाइट से बेहतर किया जा सकता है. AMC की वेबसाइट से निवेश में एक खामी है. यहां आपको अलग-अलग AMC की वेबसाइट पर जाकर फंड्स लेने होंगे.
पूलिंग ना करने वाली थर्ड पार्टी ऐप एक बेहतर विकल्प है. MyCams एक अच्छा विकल्प है लेकिन, यहां सभी फंड नहीं मिलते है. फायदा यहा है कि इस ऐप से एक ही जगह पर अपने अलग-अलग फंड देख सकते हैं.