Mutual Fund: फ्लेक्सीकैप फंड्स में जमकर दांव लगा रहे हैं निवेशक, क्या कहते हैं एक्सपर्ट
Flexi-cap mutual fund: इक्विटी सेगमेंट में सभी कैटेगरी में नेट इनफ्लो आया है, लेकिन सबसे ज्यादा इनफ्लो फ्लेक्सी-कैप फंड्स में आया. फरवरी 2022 में फ्लेक्सी-कैप सेगमेंट में 3,873 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो रहा.
Flexi-cap mutual fund: शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के बीच इक्विटी म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में निवेशकों का भरोसा बरकरार है. फरवरी 2022 में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में 19,705 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो देखा गया. लगातार 12वें महीने नेट इनफ्लो देखने को मिला है. इक्विटी सेगमेंट में सभी कैटेगरी में नेट इनफ्लो आया है, लेकिन सबसे ज्यादा इनफ्लो फ्लेक्सी-कैप फंड्स में आया. फरवरी 2022 में फ्लेक्सी-कैप सेगमेंट में 3,873 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो रहा, जबकि जनवरी 2022 में 2527 करोड़ का निवेश आया था. एक्सपर्ट मानते हैं कि फ्लेक्सी कैप फंड्स की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें निवेशक किसी भी स्टॉक में निवेश कर सकता है.
फ्लेक्सी कैप फंड्स क्यों बन रहे हैं फेवरेट
वेंचुरा सिक्योरिटीज लिमिटेड (Ventura Securities Ltd) के डायरेक्टर जूज़र गबाजीवाला (Juzer Gabajiwala) का कहना है कि फ्लेक्सीकैप फंड की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें किसी भी शेयर में निवेश कर सकते हैं. फंड मैनेजर को इसको लेकर पूरी आजादी रहती है और वह अपने विवेक पर यह फैसला कर सकता है कि वह लॉर्ज, मिड या स्माल कैप स्टॉक्स में निवेश करे. इस तरह, इन स्कीम्स में निवेशक सही मायने में फंड मैनेजर की कुशलता भी देख सकता है.
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क्या होते हैं फ्लेक्सी कैप फंड्स?
फ्लेक्सी-कैप फंड्स (Flexi-cap fund) इक्विटी ओरिएंटेड स्कीम्स की एक कैटेगरी है. यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है. फ्लेक्सी-कैप फंड में फंड मैनेजर के पास निवेशकों के निवेश पर बेहतर रिटर्न दिलाने के लिए किसी भी कैटेगरी की कंपनी के शेयर चुनने की आजादी होती है. इसमें फंड मैनेजर के सामने निश्चित मार्केट कैपिटलाइजेशन की कंपनियों की बाध्यता नहीं होती है. इससे फंड मैनेजर को डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाने में मदद मिलती है.
इंडस्ट्री का AUM 37.56 लाख करोड़
Amfi के आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी 2022 में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में 31,533 करोड़ रुपये का नेट निवेश आया है. इससे पिछले महीने इंडस्ट्री का नेट इनफ्लो 35,252 करोड़ रुपये का था. इंडस्ट्री का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) पिछले महीने मामूली रूप से घटकर 37.56 लाख करोड़ रुपये हो गया, जोकि जनवरी आखिर तक 38.01 लाख करोड़ रुपये था.